तसवीर है राजीव के फोल्डर में री-नेम संवाददाता,जसीडीह जसीडीह के टावाघाट गांव स्थित डढ़वा नदी के समीप रविवार को डॉ शीलधर सिंह की 12वीं पुण्य तिथि मनायी गयी. इस अवसर पर मुख्य रूप से उपस्थित सुशील कुमार सिंह ने डॉ सिंह की चर्चा कर कहा कि टावाघाट गांव में जन्म लिये व विद्यार्थी जीवन से ही इनके अंदर कविता लिखने की इच्छा जागृत हो गयी थी. उन्होंने कई कविताएं लिखी हैं. जिसमें दो पुस्तक ‘डढ़वा के तीरे-तीरे और देश की माटी हमें बुलाती’ काव्य संकलन प्रकाशित भी हो चुकी है. इसके अलावे लघु व्यंग्य कथा, कहानी, उपन्यास आदि की भी रचना की. इन्होंने हिंदी काव्य के क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त किया. वही डॉ सिंह के पुत्र डॉ जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि पिता डॉ सिंह अपने गांव टावाघाट स्थित डढ़वा नदी के बगल में घंटों बैठकर कविताएं आदि लिखा करते थे. इस जगह से उन्हें काफी लगाव होने के कारण डढ़वा नदी के समीप स्मृति स्थल बनाया गया. इस अवसर पर कादंबरी कुमारी, प्रतिमा देवी, नीलम कुमारी, पूनम कुमारी, रीता कुमारी, आदिति,अनिता, चंदन, रेसू, मुकुंद कुमार सिंह, भावना, आयुष, नीकू, सोनम, सइंद्र आदि ने डॉ सिंह के तसवीर पर फूल-माला अर्पित कर याद किये.
डॉ शीलधर सिंह की मनी 12 वीं पुण्य तिथि
तसवीर है राजीव के फोल्डर में री-नेम संवाददाता,जसीडीह जसीडीह के टावाघाट गांव स्थित डढ़वा नदी के समीप रविवार को डॉ शीलधर सिंह की 12वीं पुण्य तिथि मनायी गयी. इस अवसर पर मुख्य रूप से उपस्थित सुशील कुमार सिंह ने डॉ सिंह की चर्चा कर कहा कि टावाघाट गांव में जन्म लिये व विद्यार्थी जीवन से […]
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