देवघर: कुंडा थाना क्षेत्र के दुर्गापुर गांव में घरवालों ने छह महीने पूर्व 60 वर्षीय हाकीम अंसारी की गला दबा कर हत्या कर दी थी. साक्ष्य छिपाने की नीयत से मृतक की लाश पत्नी सहित पुत्र, पुत्रियों, दामाद व साले ने मिल कर घर के कमरे के अंदर जमीन में गाड़ रखा था. यह काम घरवालों ने इतनी सफाई से किया था कि किसी को भनक तक नहीं लग पाया था. शव दफनाये गये जगह पर ऊपर से लकड़ी रख दिया था और कमरे को भी छह माह से बाहर से ताला बंद कर रखा गया था. ग्रामीणों के प्रयास से सोमवार सुबह मामले का खुलासा हुआ.
ग्रामीणों ने मृतक के पुत्र जफरुद्दीन अंसारी को दबाव देकर बंद कमरे का ताला खुलवाया और मामले की सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही नगर इंस्पेक्टर एमआर भार्गव सहित थाना प्रभारी रामाशीष बैठा, एसआइ चंद्रशेखर तिवारी व एएसआइ शिवमुनी पासवान घटना स्थल पर पहुंचे. बतौर दंडाधिकारी प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी दीपक कुमार की मौजूदगी में जफरुद्दीन की निशानदेही पर लकड़ी हटा कर जमीन को खोदा तो गेंता सीमेंट के स्लैब में फंस गया. सभी की शंका हकीकत में बदला और स्लैब व मिट्टी हटाने पर दो हाथ दिखायी पड़ा.
मिट्टी हटाया तो हाकीम का शव निकला. शव कंकाल में बदल चुका था. गर्दन, हथेली व चेहरे पर कुछ मांस बचा हुआ था. हाकीम शरीर पर स्वेटर, कुरता व लुंगी पहना हुआ था. देखने से प्रतीत हुआ कि लुंगी को भी जलाया गया होगा. पुलिस ने हकीम के पुत्र जफरुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया. वहीं हाकीम की पतोहू ने मामले का राज खोला. पुलिस ने उसे सरकारी गवाह बनाने की सोची है. मृतक की लाश को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.
अस्पताल के डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ने यहां फौरेंसिक लैब नहीं होने का हवाला देते हुए मृतक की हड्डियों को अंत्यपरीक्षण के लिए पीएमसीएच धनबाद रेफर कर दिया. पुलिस ने मृतक की लाश पोस्टमार्टम के लिए सरकारी खर्च पर धनबाद भेजा है. घटना को लेकर कुंडा थाने में हाकीम की हत्या कर साक्ष्य छिपाने की प्राथमिकी दर्ज की गयी है. अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस सघन छापेमारी में जुटी है. आसपास के लोगों के अनुसार हाकीम को घरवाले खाना नहीं देते थे, प्रताड़ित करते थे. इस बात को लेकर रोज किचकिच भी होती थी. वहीं मृतक को पांच-छह बीघा जमीन भी था. घटना के पीछे जमीन विवाद के होने की आशंका को लेकर भी पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है.