देवघर: अवर न्यायाधीश प्रथम एसके सिंह की अदालत में चल रहे पुराने टाइटिल सूट संख्या 64/70 में बहस आरंभ हो गयी है. यह टाइटिल सूट बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सरदार पंडा की गद्दी के दावे को लेकर दाखिल हुआ है. मामला विगत 43 वर्षो से विचारण के लिए चला आ रहा है.
अजीता नंद ओझा ने यह मुकदमा वर्ष 1970 में लाया था. अंतिम सरदार पंडा भवप्रीतानंद ओझा के निधन के बाद इस सूट को उनके नजदीकी दावेदार ने इसे दाखिल किया. जिसमें ज्ञानानंद ओझा समेत डेढ़ दर्जन लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है. दाखिल सूट में दर्शाया गया है कि भवप्रीता नंद ओझा नि:संतान दिवंगत हो गये. इससे सरदार पंडा की गद्दी रिक्त हो गयी. चूंकि यह वंशानुगत थी. बड़े पुत्र ही इस गद्दी के हकदार होने की परंपरा चली आ रही थी.
भवप्रीतानंद ओझा के निधन के बाद इस टाइटिल सूट को न्यायालय में लाया गया है. इसमें से कई प्रतिवादियों ने इस सूट को चुनौती हाइकोर्ट में दी थी. जिसके चलते मामला विचाराधीन में लंबित रहा. इस वाद की सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद बहस के लिए निर्धारित किया गया. 25 जून को आंशिक बहस आरंभ हुई. प्रतिवादी संख्या छह ललितानंद ओझा की ओर से उनके पक्ष में आंशिक बहस सुनी गयी.
न्यायालय ने विस्तार से बहस सुनने के लिए अगली तिथि 27 जून को निर्धारित की है. इस टाइटिल सूट की अगली सुनवाई निर्धारित तिथि को की जायेगी. इस वाद में प्रतिवादियों की ओर से अलग-अलग एडवोकेट रखे गये हैं. जिनकी बहस बारी-बारी से सुनी जायेगी. बहस पूर्ण होने के बाद फैसला दिया जायेगा. इस वाद में सरकार की ओर से जीपी बालेश्वर प्रसाद सिंह बहस करेंगे.