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काश ! छोटे भाई को रोक लेता तो घटना टल जाती : हिमांशु

देवघर: नंदन पहाड़ तालाब के दर्दनाक हादसे ने बिलासी मुहल्ले के तीन मासूम बच्चों की जिंदगी छीन ली. इन तीनों ने जिंदगी देखी ही कहां थी कि उन्हें जीने-मरने का मतलब समझ आता. काश ! छोटे भाई को रोक लेता तो शायद यह घटना टल जाती. यह बातें संत कोलंबस स्कूल की कक्षा चार में […]

देवघर: नंदन पहाड़ तालाब के दर्दनाक हादसे ने बिलासी मुहल्ले के तीन मासूम बच्चों की जिंदगी छीन ली. इन तीनों ने जिंदगी देखी ही कहां थी कि उन्हें जीने-मरने का मतलब समझ आता. काश ! छोटे भाई को रोक लेता तो शायद यह घटना टल जाती. यह बातें संत कोलंबस स्कूल की कक्षा चार में पढ़नेवाले छात्र चंद्रांशु सिंह (मृतक) के बड़े भाई हिमांशु ने कही. उसने बताया कि घटनावाले दिन सोमवार को दिन के 12 बजे चंद्रांशु स्कूल से घर लौटा. उसके बाद हलीमाबांध स्थित रोहन सर के यहां ट्यूशन पढ़ कर एक बजे घर लौटा.

खाना-पीना खाने के बाद दोपहर तकरीबन दो बजे साइकिल लेकर घर से निकला. इसके बाद अमित के साथ शिवम के घर पहुंचा. तीनों साथ होकर निकला. इस बीच पास में ही हिमांशु खेल रहा था. उसने तीनों को जाते वक्त देखा. मगर उन्हें नहीं टोका और न रोक सका. काश! रोक लेता तो हादसा टल सकता था. पिताजी घर से बाहर हैं. रात तक पिताजी व परिजन वापस लौटेंगे. तब जाकर भाई का अंतिम संस्कार होगा.

बेटे को अभी तक छुआ तक नहीं : सुधा देवी
छात्र शिवम (मृतक) की मां सुधा देवी घटना के बाद से गमगीन है. लाश के पास बैठ कर मां रोती रही. मगर जैसे ही शव यात्रा निकलने लगी तो उसके सब्र का बांध टूट गया. वो उठ कर चिल्लाने लगी. अरे भाई उसे मत ले जाओ. अभी तो उसे मैनें छुआ भी नहीं है. बाद में सब लोगों को धक्का देते हुए शव के पास पहुंची व लाश को गले लगाते ही सुध-बुध खोने लगी. बाद में घरवालों ने पानी का छींटा देकर उसे शांत कराया.

पूरी जिंदगी में अंधेरा छा गया : सत्येंद्र
शिवम के पिता सत्येंद्र सिंह ने बताया शिवम उनका इकलौता लड़का था. सरस्वती शिशु मंदिर में कक्षा छह में वह पढ़ता था. इस घटना से उनका पूरा परिवार मर्माहत है. आगे की पूरी जिंदगी पर ही अंधेरा छा गया है. इससे पहले सोमवार की रात जब शिवम के रूप में पुलिस ने पहली लाश निकाली तो सत्येंद्र सिंह की स्थिति बहुत ही खराब हो गयी थी. बेटे की लाश को गले से लगा कर दहाड़ मार कर रो रहे थे.

बेटे के मुंह से खून निकल रहा है, मामला संदिग्ध है : आनंदी
छात्र अमित कुमार नाथ के पिता आनंदी नाथ माला-बद्धि बेच कर अपने परिवार की गाड़ी चला रहे हैं. नंदन पहाड़ लेक से उसकी लाश निकाले जाने के बाद उसके मुंह से खून निकलता देख काफी दुखी हुए. उन्होंने रोते हुए कहा कि डूबने से किसी के मुंह से खून नहीं निकलता. मामला संदिग्ध नजर आता है.

इससे पूर्व भी बिलासी मुहल्ले के शिक्षक राजेश्वर झा के पुत्र की भी मौत नंदन पहाड़ लेक में डूब कर हो गयी थी.

नंदन पहाड़ लेक के किनारे खड़ी थी साइकिल
सोमवार को शाम के चार बजे के बाद से तीनों छात्रों के लापता होने के बाद परिजनों ने देर रात पुलिस को सूचना दी. साथ ही मुहल्लेवालों के साथ सभी खोजबीन करते रहे. इसी बीच एक बच्चे के परिजन व कुछ लोग रात्रि लगभग 12 से एक बजे के बीच नंदन पहाड़ के लेक के समीप पहुंचे. जहां किनारे में चंद्रांशु की साइकिल व घाट के किनारे तीनों लड़कों के कपड़े मिले, जिसे नहाने से पहले खोला गया था. बाद में शिवम की लाश मिलने के बाद पुलिस ने उन सभी की बरामदगी कर अपने साथ थाना ले आयी. उस वक्त छात्रों के कई परिजन वहां मौजूद थे.

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