देवघर: एसडीओ जय ज्योति सामंता के आदेश के बाद भी नगर थाने ने नन- बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है. जबकि एसडीओ ने जो एफआइआर संबंधी दस्तावेज नगर थाना को भेजा है, उसमें एक पत्र एसपी का भी है.
जिसमें वर्तमान एसपी ने 16 जून को एसडीओ पत्र लिख कहा है कि गृह विभाग दिल्ली और एडीजी अपराध अनुसंधान विभाग रांची के निर्देशानुसार सुराहा माइक्रो फाइनांस सहित 27 नन बैंकिंग कंपनियों पर एफआइआर कराने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जाये. अपर आयुक्त सह विशेष सचिव गृह विभाग व एडीजी अपराध अनुसंधान विभाग रांची के आदेश के बाद भी अब नगर थाना प्रभारी को किसके आदेश का इंतजार है.
कंपनियों पर सेबी के नियमों के उल्लंघन का आरोप
एक दिन बीत जाने के बाद भी एफआइआर दर्ज नहीं होने से नाराज एसडीओ ने पुन: एसडीएम कोर्ट की ओर से थाना प्रभारी को 27 ननबैंकिंग कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश जारी किया है. देर शाम एसडीएम ने पत्रंक संख्या-502/ डी.बी. जारी कर 14 जून को एसपी कार्यालय की ओर से जारी किये गये पत्रंक -2650/गो. का हवाला दिया है. कंपनियों पर आरबीआइ व सेबी के नियमों के उल्लंघन करते हुए लोक जमा की राशि लेने का आरोप है.
मामले में शुरू से ही बरती गयी शिथिलता
नन बैंकिंग कंपनी के कार्यालयों में तत्कालीन एसडीएम उमाशंकर सिंह ने दो-तीन फरवरी 2013 को ही छापेमारी की थी. सारे दस्तावेज जब्त करने के बाद सभी नन बैंकिंग कंपनी के कार्यालयों को सील कर दिया था. एक्सपर्ट टीम से कागजात की जांच के बाद तत्कालीन एसडीएम श्री सिंह ने डीसी, एसपी, मुख्य सचिव, राज्यपाल के सलाहकार, डीजीपी, सीआइडी, आरबीआइ, सेबी आदि को रिपोर्ट भेजा था. जिसमें सभी कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने और उच्च एजेंसी से जांच करवाने की अनुशंसा उन्होंने की थी.
लेकिन चार माह हो गये न तो देवघर जिला प्रशासन ने और न ही सरकार की ओर से कोई एफआइआर संबंधी निर्देश आया. देर ही सही चार माह बाद एफआइआर दर्ज करने का आदेश सरकार की ओर से आया. इस पर वर्तमान एसडीएम ने कार्रवाई की और मामला दर्ज कराने के लिए नगर थाने में आवेदन भेजा.