देवघर: देर ही सही लेकिन देवघर जिला प्रशासन ने देवघर के गरीब जनता की गाढ़ी कमाई की बाट लगाने वाली 27 नन-बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने का आदेश दे ही दिया. इस संदर्भ में एसडीओ जय ज्योति सामंता ने देवघर नगर थाने में देवघर की 27 नन-बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने आदेश दिया है. अब नन बैंकिंग कंपनियों के प्रबंध निदेशक/ प्रमोटर/बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स/प्रबंधक की खैर नहीं है. क्योंकि इन्हीं लोगों पर एफआइआर का आदेश हुआ है.
एक्ट की धज्जी उड़ाकर की वसूली का आरोप
एसडीओ ने एफआइआर के लिए भेजे पत्र में कहा है कि ये सभी कंपनियां अवैध रूप से लोगों से लोक जमा स्वीकार करने के दोषी पाये गये हैं. ये कंपनियां रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 193()एक्ट नं-2 ऑफ 1934) की धारा 58बी, द सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया एक्ट 1992(एक्ट न-15 ऑफ 1992) की धारा 15(ए), 15(सी), 15(डी), 15(इ), 15(एफ), 15(जी), 15(एच), 15(एचए), 15(एचबी), द कंपनी एक्ट 1956 की धारा 59, द प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 8 एवं 10, प्रीवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रींग एक्ट 2002 की धारा 4 के उल्लंघन के दोषी हैं. इन लोगों ने झूठे प्रलोभनों व षडय़ंत्र कर तथा गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर अवैध वसूली किया है.
संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का आदेश
उक्त 27 नन बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ द प्राइज चीट्स एंड मनी सकरुलेशन स्कीम(बैनिंग) एक्ट 1978(एक्ट नं-33 ऑफ 1978) की धारा 4 व भादवि की धारा 120, 420, 426 व 465 के तहत एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई करें. एसडीओ ने आदेश में स्पष्ट किया है कि कंपनी के प्रबंध निदेशक/प्रमोटर/बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स/प्रबंधक पर मामला दर्ज करें. ज्ञात हो कि अपर आयुक्त सह विशेष सचिव गृह विभाग और अपर पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग झारखंड ने देवघर एसपी को उक्त सभी कंपनियों पर एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया था. इसी आलोक में एसपी ने एसडीओ को एफआइआर दर्ज कराने की बात कही.