देवघर: सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को दिये जानेवाले ऑक्सीटॉक्सीन इंजेक्शन के वितरण पर ड्रग इंस्पेक्टर कुमार रजनीश ने रोक लगा दी. सोमवार को जांच के दौरान डीआइ को ऑक्सीटॉक्सीन इंजेक्शन के प्रभावहीन होने की शिकायत मिली.
डीआइ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इंजेक्शन के वितरण पर रोक लगा दी. अस्पताल सूत्रों के अनुसार यह इंजेक्शन प्रभावहीन था. काम नहीं करता था. सारे नियमों को ताक पर रख कर दवाई की खरीद की गयी है. इससे पहले डीआई डीएस की शिकायत पर जांच में पहुंचे थे.
नियोफैक्स कफ सिरप का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है. उसके वितरण पर रोक लगा दी है. इधर सिल्वेज मलहम की गुणवत्ता पर संदेह की खबर छपने के बाद पुन: सोमवार की देर शाम डीआइ श्री रजनीश जांच में पहुंचे. दवाई स्टोर में सिल्वेज मलहम की जांच के लिए सैंपल कलेक्ट किया. साथ ही क्लिनिक स्प्रिट भी जांच के लिए साथ में ले गये. उन्होंने कहा कि जांच करनेवाली लैब से आग्रह किया गया है कि शीघ्र दवाओं की जांच कर रिपोर्ट मंगाया जायेगा.
कितने गर्भवती को इंजेक्शन दिया, नहीं है जवाब
सदर अस्पताल में अब तक गर्भवती को ऑक्सीटॉक्सीन इंजेक्शन दिया गया, इसकी जानकारी स्टोर इंचार्ज को भी नहीं है. पूछे जाने पर पल्ला झाड़ते हुए स्टोर इंचार्ज ने कहा कि सीएस ऑफिस से ही यह पता चल सकता है. वहीं जांच करने आये डीआइ भी कुछ कहने से बचते रहे. उन्होंने कहा कि जांच होने के बाद ही कुछ बता सकते हैं. तीन दवाओं पर संदेह है. जांच के लिए लैब भेजा जायेगा.
क्या है ऑक्सीटॉक्सीन
गर्भवती महिला को अत्यधिक रक्त स्नव की स्थिति में इसे रोकने के लिए ऑक्सीटॉक्सीन इंजेक्शन
दिया जाता है.