देवघर : 2011 में उजागर देवघर भूमि घोटाला की सीबीआइ जांच जुलाई 2012 से शुरू हुई थी. दो वर्ष बाद भी देवघर भूमि घोटाला की सीबीआइ जांच पूरी नहीं हो पायी है.
शुरुआत में भूमि घोटाला की निगरानी जांच से असंतुष्ट देवघर जिला अधिवक्ता संघ ने हाइकोर्ट में पीआइएल दाखिल किया. जिसे बाद में हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. भूमि घोटाला की जांच की मॉनिटरिंग खुद हाइकोर्ट कर रही है.
बावजूद सीबीआइ को भूमि घोटला की जांच में पर्याप्त समय चाहिए. सीबीआइ ने जांच की चार स्टेटस रिपोर्ट बंद लिफाफे में हाइकोर्ट को प्रस्तुत कर चुकी है. इस दौरान सीबीआइ के आग्रह पर चार अलग-अलग तारीख हाइकोर्ट दे चुकी है.
इस बार सितंबर 2014 में सीबीआइ ने भूमि घोटाला की जांच पूर्ण करने का समय हाइकोर्ट से लिया है. देवघर भूमि घोटला की जांच में सीबीआइ ने तीन प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें दो भूमि घोटाला व एक अभिलेखागार चोरी कांड का है.