देवघरः जसीडीह स्थित पंचायत प्रशिक्षण केंद्र में चार घंटे तक स्वास्थ्य विभाग की मैराथन प्रमंडलीय स्तरीय समीक्षा बैठक हुई. बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के विद्या सागर ने प्रेस को बताया कि सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को किसी हाल में दवा बाहर से खरीदनी न पड़े. अगर दवा खरीदनी पड़ा तो इसका वहन स्वास्थ्य विभाग करेगा.
इसमें किसी प्रकार की कोताही बरदाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने संताल परगना के छह जिलों की समीक्षा की. कुछ मामलों में बेहतर प्रदर्शन और कुछ में निराशाजनक है. इसमें सुधार के लिए कई दिशा-निर्देश दिये गये.
उपकरण खरीद की जानकारी मुख्यालय भेजें
प्रधान सचिव ने सभी सीएस को आदेश दिया है कि अब तक के खरीद हुए उपकरण का ब्योरा मुख्यालय को शीघ्र भेजें. उन्होंने कहा कि शिकायत मिली है कि अनुपयोगी उपकरण की भी खरीद की गयी है. साथ ही विभाग में लेखा-जोखा का ब्योरा अपडेट नहीं नहीं है.
डिस्पोजल वेस्टेज की व्यवस्था की जाये
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रधान सचिव ने कहा कि एनआरएचएम का सोशल ऑडिट जन संवाद के जरिये हो रहा है, लेकिन देवघर में सोशल ऑडिट नहीं हो रहा है. इसके कारण लोगों को एनआरएचम में हुए खर्च की जानकारी नहीं मिल रही है. सदर अस्पताल व सब सेंटरों पर डिस्पोजल वेस्टेज की व्यवस्था करने को कहा गया है. जिन जगहों पर इंसूलेटर बंद है. उसे शीघ्र चालू करने का निर्देश दिया गया है.
साहिबगंज में सीएस मामले का होगा निबटारा
साहिबगंज में दो सीएस मामले में प्रधान सचिव ने कहा कि इस मामले को देखेंगे. शीघ्र निबटारा किया जायेगा. इस अवसर पर एनआरएचम के अभियान निदेशक डॉ मनीष रंजन, निदेशक प्रमुख डॉ प्रवीण चंद्रा के अलावा छह जिलों के सीएस, एसीएमओ व ब्लॉक स्तर के प्रोग्राम मैनेजर अकाउंट मैनेजर उपस्थित थे.
दवा मामले में होगी कार्रवाई : प्रधान सचिव
प्रधान सचिव ने कहा कि दवा मामले में विभाग गंभीर है. राज्य भर में दवा की जांच हो रही है. जहां-जहां दवा में गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की जा रही है. लेबोरेटरी में दवा जांच के लिए भेजा जा रहा है. दोषी पाये जानेवालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. इसके अलावा कई मामलों में पूछे गये प्रश्नों पर प्रधान सचिव ने चुप्पी साध ली.