देवघर: सूचना भवन में कृषि विभाग द्वारा बीजोपचार कार्यशाला का उदघाटन डीडीसी शशि रंजन प्रसाद सिंह ने किया. डीडीसी ने कहा कि तकनीकी विधि से खेती कर किसान पैदावार बढ़ा सकते हैं. इसके लिए किसानों को कृषि विशेषज्ञ निरंतर जानकारी देना सुनिश्चित करेंगे. किसानों को कृषक मित्र के माध्यम से जनसेवक डोर-टू-डोर पहुंच कर तकनीकी खेती की जानकारी देंगे. जनसेवक किसानों को भौतिक रूप से प्रशिक्षण देने खेतों तक जायें.
निर्धारित लक्ष्य के अनुसार पैदावार नहीं हुई, तो बीटीएम, जनसेवक भी जिम्मेवार होंगे. पंचायतों में रथ के माध्यम से किसानों को बीजोपचार की जानकारी दी जाये. डीडीसी ने कहा कि बीजोपचार की विधिवत जानकारी प्रत्येक किसानों को प्राप्त करना चाहिए, इससे पैदावार बढ़ेगी. कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि विशेषज्ञ भी इसकी जानकारी देना सुनिश्चित करेंगे.
ऐसे करें बीजोपचार
सरकार द्वारा अनुदान पर मिलनेवाली इंडोफिल कंपनी का फफुंदीनाशक दवा के साथ एक रथ शुक्रवार से पंचायतों में भ्रमण करेगी. रथ में बीटीएम, जनसेवक व कृषक मित्र होंगे. रथ में किसानों को 30 रुपये में 40 किलो फफुंदीनाशक दवा मिलेगा. किसानों को टीम के सदस्य यंत्र के माध्यम से बीजोपचार की जानकारी देंगे. किसान धान के बीज को पहले 10 घंटा पानी में भिंगायें, इसके बाद जूट के बोरे में बीज को फैला कर एक घंटा सूखायें.
धान में नमी रहने के दौरान ही प्रति किलो बीज में दो ग्राम फफुंदीनाशक दवा को मिलायें. इस दौरान किसान को हाथ में प्लास्टिक लगाये रखें. दवा प्रयोग करने के बाद बीज को 12 घंटे तक बोरे में डाल दें, इस दौरान बीज में अंकुर आ जायेगा. उसके बाद ही खेतों में बीज डालें. इससे पौधा स्वस्थ रहेगा व 20 फीसदी पैदावार में वृद्धि होगी. मौके पर आत्मा परियोजना निदेशक डॉ रमेश कुमार, बीटीएम डॉ पवन ओझा, शशि शेखर, अशोक सिंह आदि मौजूद थे.