देवघर : बाबा मंदिर की पौराणिकता को बरकरार रखने व इसे संरक्षित के उद्देश्य से पुरातत्व विभाग की टीम पूर्वी व दक्षिणी जोन की निदेशक नंदनी भट्टाचार्य साहू के नेतृत्व में गुरुवार को बाबा मंदिर पहुंची. इस टीम में रांची के पुरातत्व क्षेत्रीय प्रभारी हरिओम शरण, नयी दिल्ली के राम कुमार वर्मा, अभियंता चितरंजन कुमार व तपन कुमार भट्टाचार्य शामिल थे
. उन्होंने बाबा मंदिर का निरीक्षण किया. इस क्रम में सुबह के समय अत्यधिक भीड़ होने की वजह से टीम के सदस्य शाम को भी मंदिर पहुंचे. निरीक्षण के क्रम में कोलकता से आयी निदेशक नंदनी भट्टाचार्य साहू ने बताया कि पौराणिकता से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए. मंदिरों के गर्भगृह में देखा गया कि अपनी सुविधा के लिए कहीं कील ठोक दिया गया है, तो कहीं कुछ और. यह ठीक नहीं है.
इससे मंदिर को नुकसान पहुंचता है. मंदिरों को संरक्षित करने के लिए मिलावटी घी के दीप जलाने से बचना चाहिए. दरअसल, बाबा मंदिर प्रशासन ने मंदिर को संरक्षित करने के लिए सरकार को पत्र भेजकर पुरातत्व विभाग की टीम को भेजने का आग्रह किया था. इसकी के आलोक में टीम निरीक्षण के लिए पहुंची है. उन्होंने बताया कि पत्र में नाथबाड़ी व बाबा मंदिर के बीच के संबंध के बारे में व चंद्रकांता मणि के बारे में भी कहा गया था. नाथबाड़ी के बारे में बिना खुदाई के कुछ बता पाना संभव नहीं है. वहीं वर्तमान में गर्भगृह में लगातार दीप व धूप से निकले कार्बन की वजह से चंद्रकांता मणि के बारे में कुछ बताना मुश्किल है.
पेंट की वजह से हो रहा पत्थर का क्षरण
टीम में रांची से आये पुरातत्वविद् हरिओम शरण ने बताया कि बाबा मंदिर सहित अन्य मंदिरों को सुंदर दिखाने के लिए पेंट करना ठीक नहीं है. वर्तमान में मंदिर का पत्थर बहुत ही मजबूत स्थिति में है. इतना मजबूत है कि इसका आकलन नहीं कर सकते. लेकिन इस पेंट की वजह से क्षरण हो रहा है. पेंट से बचते हुए इसको इसके मूल रूप में रखने से बेहतर हो तथा सुंदर भी दिखेगा.
टीम ने डॉ मोहनानंद झा से की मुलाकात
पुरातत्व विभाग की टीम स्थानीय साहित्यकार डॉ मोहनानंद मिश्र से मुलाकात कर बाबा बैद्यनाथ मंदिर के इतिहास व यहां की परंपराओं के बारे में जानकारी ली. डॉ मिश्र ने टीम को हरसंभव मदद का भरोसा भी दिया. निरीक्षण के दौरान टीम के साथ बाबा मंदिर प्रभारी सह एसी अंजनी कुमार दुबे, डॉ सुनील तिवारी, डॉ सत्येंद्र चौधरी, डॉ आनंद तिवारी आदि मौजूद थे.