देवघर : रूदो यादव हत्याकांड में सात महिलाओं समेत 12 आरोपितों को हत्या का दोषी पाकर सश्रम उम्रकैद की सजा की सुनाई गयी. साथ ही प्रत्येक दोषियों को 15-15 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया. यह राशि मृतक के परिजनों को दी जायेगी. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अलग से छह माह की सजा काटनी होगी.
सजा पाने वालों में सात महिलाएं ललिता देवी, सहोगी देवी, गीता देवी, कौशल्या देवी, रुंधी देवी, मैना देवी उर्फ नैनवा देवी व पांच पुरुष राजेंद्र यादव, अशोक यादव, नरेश यादव, तुलसी यादव व देवी उर्फ छबी महतो हैं. यह सजा सेशन जज दो अनिल कुमार मिश्रा की अदालत से सुनाई गयी.
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय ने पक्ष रखा. इन्होंने अभियोजन पक्ष से 14 गवाहों को प्रस्तुत किया बचाव पक्ष से एडवोकेट इशहाक अंसारी, काशी प्रसाद यादव व सुरेश यादव ने पक्ष रखा, लेकिन आरोपमुक्त नहीं करा सके. यह मुकदमा मृतक रुदो यादव के भाई नेवाजी यादव ने जसीडीह थाना में विगत दो अप्रैल 2010 को दर्ज कराया था. केस के सूचक व सजा पाने वाले सभी अभियुक्त जसीडीह थाना के झिलुआचांदडीह गांव के रहने वाले हैं.
महुआ चुनने को लेकर चली तलवार व किया था बम विस्फोट : एफआइआर के अनुसार जमीन को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद चल रह था. विवादित जमीन पर महुआ का पेड़ लगा था. महुआ चुनने को लेकर तकरार बढ़ता गया व अचानक आरोपितों ने रूदो यादव के गर्दन पर तलवार से वार किया जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया व इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी. विवादित स्थल पर रुदो के अलावा उनके परिवार के सदस्यगण मौजूद थे जिन्हें भी लाठी, रड, कुल्हाड़ी व तलवार से वार कर जख्मी किया गया था. इस दौरान बम विस्फोट भी किया था जिससे कई लोग जख्मी हो गये थे.
केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने चार्जसीट दाखिल किया, पश्चात केस ट्रायल के लिए सेशन जज दो की अदालत में भेजा गया जहां पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उपरोक्त फैसला दिया गया. एफआइआर में 15 लोगों को नाजमद किया गया था जिसमें से तीन आरोपित पलटू यादव, मुरारी यादव व दामोदर यादव को फरार घोषित किया गया है, जो केस दर्ज होने के बाद से ही पुलिस पकड़ में नहीं आये हैं. 12 आरोपितों का ट्रायल हुआ जिन्हें दोषी पाकर सश्रम उम्रकैद की सजा दी गयी. सभी लोग एक ही परिवार के हैं.
जिन्हें मिली सजा
-ललिता देवी
– सहोगी देवी
– गीता देवी
– कौशल्या देवी
– रूनधी देवी
– मैना देवी उर्फ नैनवां देवी
– राजेंद्र यादव
– अशोक यादव
– नरेश यादव
– तुलसी यादव
-देवी उर्फ छबी महतो – झिलुआचांदडीह, जसीडीह, देवघर.
रिक्शा चलाकर लड़ा केस, आठ साल बाद मिला न्याय
रिक्शा चलाकर नेवाजी यादव ने करीब नौ साल केस लड़ा तथा अपने भाई रुदो यादव के हत्यारों को अंतत: सजा दिलाने में कामयाब रहे. कोर्ट से फैसला आने के बाद उन्होंने बताया कि न्यायालय पर मुझे पूर्ण भरोसा था जहां से न्याय मिला. सबों ने मेरे जवान भाई को पीट-पीट कर मार डाला था.