देवघर : बुधवार को पति के साथ देवघर घूमने आयी महिला को 10 दिनों बाद पति ने पहचानने से इनकार कर दिया. जिसके बाद महिला मामला नगर थाना तक पहुंच गयी.
रात्रि 12 बजे तक नगर थानेदार को माथापच्ची करनी पड़ी. बताया जाता है कि इसकी वजह उसका मौसेरा देवर है. गिरिडीह के झरियागादी निवासी रूपा देवी ने बताया कि फरवरी माह में कोडरमा जिला के डोमचांच निवासी 35 वर्षीय बसंत कुमार (पिता रामकृष्ण वर्णवाल) से शादी हुई थी. उसके पति छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी करते हैं.
वहां सुखमय जीवन बिता रहे थे. वे लोग 10 दिन पहले देवघर घूमने आये थे. इस दौरान सुरातिलोना सतसंग में अपने मौसेरे देवर सर्वोत्तम वर्णवाल के आवास पर ठहरा. चार जून को वट सावित्री की पूजा देवघर में ही की. इसके बाद पांच जून को अपने पति के साथ छत्तीसगढ़ जाना चाहा. मौसेरा देवर के कहने पर पति बदल गया है.
वह पत्नी मानने से इनकार करते हुए छत्तीसगढ़ जाने से मना कर दिया. मामले को लेकर नगर थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर मोसेरे भाई सर्वोत्तम वर्णवाल, रंजन वर्णवाल व उसकी मां को पकड़ कर नगर थाना ले आयी है. इधर पुलिस की ओर से भी एक केस किया गया है. केस के अनुसंधान में पुलिस द्वारा सुरातिलोना जाने पर पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया. इसकी भी केस किया गया है.