देवघर: शिवगंगा के मामले में बाबा मंदिर प्रबंधन बोर्ड व नगर विकास सह पर्यटन मंत्री सुरेश पासवान दोनों ही उदासीन बने हुए हैं. काम की जगह आश्वासन दे रहे हैं. दोनों की घोषणा हवा-हवाई बनती दिख रही है. एक ने शिवगंगा में जाल बिछाने की बात कही थी, तो दूसरे ने शिवगंगा का गंदा जल साफ कर अमृतसर के स्वर्णमंदिर जैसा जल बनाने की. अब तक दोनों कामों में कोई काम नहीं हुआ है.
मेला शुरू होने के 15 दिन पहले पूरा होना था काम : मेला शुरू होने में मात्र एक सप्ताह दूर है. बावजूद शिवगंगा में अब तक जाल नहीं बिछ पाया है. न हीं जल सफाई के लिए कोई टीम आयी है. दोनों ने विश्व प्रसिद्ध श्रवणी मेला शुरू होने के 15 दिन पहले ही काम पूरा करने का आश्वासन दिया था. ताकि मेले में कांवरियों को सब-कुछ नया अनुभव हो. इसमें काम पूरा होना तो दूर, अब तक काम शुरू भी नहीं हुआ है.
मंत्री का वायदा नहीं हुआ पूरा : मंत्री सुरेश पासवान ने प्रबंधन बोर्ड से हट कर बड़ी घोषणा कर दी. उसने शिवगंगा के गंदा पानी को भी मेला शुरू होने से पहले स्वच्छ निर्मल बनाने की सार्वजनिक घोषणा की थी. इसके लिए अमृतसर से एक टीम आने की बात कही. यह टीम अब तक नहीं आयी है. नगर विकास विभाग की ओर से टेंडर भी निकाल दिया गया. पुन: त्रुटि बताते हुए टेंडर रद्द कर दिया. जबकि मेला शुरू होने में चंद दिन दूर है.
और कितने मौत का है बोर्ड को इंतजार : शिवगंगा में डुबने से लगातार श्रद्धालुओं की मौत को देखते हुए प्रबंधन बोर्ड की बैठक में मेला शुरू होने के 15 दिन पहले जाल बिछाने का निर्णय लिया था. उसे अब तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है. इससे स्थानीय लोगों में बोर्ड के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है.