देवघर: झारखंड विधानसभा के स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने बुधवार को देवघर सर्किट हाउस में इसीएल के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद पत्रकारों से स्पीकर ने कहा कि इसीएल के अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी है कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत कोल इंडिया ने यहां एक अस्पताल खोलने के लिए 150 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है.
राशि सालों से पड़ी है, लेकिन अभी तक इसका उपयोग शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि यदि अगले छह माह के अंदर उक्त राशि का उपयोग शुरू नहीं हुआ तो यहां के लोगों को सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल से हाथ धोना पड़ेगा. राशि लैप्स कर जायेगी. स्पीकर ने कहा कि यह चिंता की बात है कि सीएसआर के तहत इस इलाके के गरीब लोगों के लिए इसीएल अस्पताल खोलना चाहती है तो सरकार को इसे गंभीरता से लेकर काम शुरू करवाना चाहिए.
लेकिन मामला अटका है. स्पीकर ने कहा कि यहां के लोगों के लिए अस्पताल वरदान साबित होता. अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है. किस स्तर पर फाइल रूकी है, वे इसे देखेंगे. उनकी कोशिश होगी कि इलाके के लोगों को इसका लाभ मिले, वे राशि को लैप्स नहीं होने देंगे. इसीएल के कार्मिक निदेशक ने कहा कि राशि प्रबंधन ने दिया, उपयोग सरकार को करना है,अस्पताल को संचालित भी सरकार को ही करना है. लेकिन अब तक इस दिशा में सरकार से कोई रिस्पांस नहीं मिला है.
चितरा माइंस के विस्थापितों की समस्या पर हुई चर्चा
बैठक में विस्थापन की समस्या, मजदूरों की समस्या, जबरन जमीन उपयोग सहित कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. स्पीकर ने कहा कि इसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि सिर्फ कोयला उत्पादन लक्ष्य नहीं बनायें, जिनकी जमीन को लेकर कोयला उत्पादन कर रहे हैं, उनके बारे में भी सोचें. उनकी विस्थापन की समस्या, मुआवजा आदि की समस्या का समाधान करें. जहां से इसीएल गाढ़ी कमाई कर रहा है. वहां और आसपास के लोगों के लिए कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत कुछ काम करें. सिर्फ कागज पर नहीं धरातल पर सीएसआर एक्टीविटी को दिखायें.
बैठक में थे शामिल : इसीएल के निदेशक कार्मिक केएस पात्र, जीएम एसपी माइंस युसुफ अंसारी, डीजीएम कार्मिक बासुकिनाथ पांडेय, जीएम एलआरइ आरके सिंह, स्पीकर के निजी सचिव राम मोहन चौधरी आदि मौजूद थे.