देवघर: देवघर में जमीन कारोबार हमेशा सुर्खियों में रहा है. झारखंड गठन के बाद देवघर में जमीन कारोबार में बेहताशा वृद्धि हुई है. दस वर्षो के दौरान देवघर में जमीन का वैध व अवैध कारोबार में कई लोग फर्स से अर्स तक पहुंचे गये. बहती गंगा में सबने डुबकी लगायी व जमकर संपत्ति जुटायी. इस बीच देवघर भूमि घोटाला उजागर हुआ.
इसमें अधिकांश फर्जीवाड़ा कर तैयार सेलेबुल जमीन की रजिस्ट्री सामने आया. देवघर भूमि घोटाला में भू-माफिया व अधिकारियों के गठजोड़ से भारी पैमाने पर फरजी दस्तावेज के आधार पर जमीन को बेची गयी. इस बीच देवघर शहर के आसपास के कोना-कोना में मौजूद सेलेबुल जमीन को बेचा गया. देवघर में बढ़ते इस कारोबार में जमीन के दर पर मनमुताबित वृद्धि होती गयी. सेलेबुल जमीन की बिक्री तो 200 रुपये से लेकर दस हजार रुपये स्क्वायर फिट तक हुई.
जब देवघर में सेलेबुल जमीन स्क्वायर फिट की दर पर बिक रही थी, उस समय नन सेलेबुल जमीन कट्ठा की दर से बिक रही थी. हालांकि शहर के कई रिहायशी इलाकों में उन दिनों नन सेलेबुल जमीन भी स्क्वायर फिट की दर से बिक रही थी. लेकिन अब ननसेलेबुल जमीन भी स्क्वायर फिट की दर से तेजी से देवघर व आसपास के इलाकों में अवैध रूप से बेचा जा रहा है. नन सेलेबुल जमीन का दर इन दिनों 150 रुपये से लेकर 300 रुपये तक भू-माफियों ने निर्धारित कर रखा है.
एसपीटी एक्ट का खुलेआम उल्लंघन
एसपीटी एक्ट में नन सेलेबुल जमीन एक रैयती व अहस्तांतणीय जमीन है. किसी भी परिस्थिति में इस जमीन की प्रकृति को नहीं बदला जा सकता है. एलए प्रक्रिया समाप्त होने के बाद नन सेलेबुल जमीन के मालिक का नाम किसी भी परिस्थिति में नहीं बदला जा सकता है. लेकिन भू-माफिया व जमीन कारोबारी ‘दान पत्र’ के जरिये जमीन पर अवैध रूप से दखल दिलाकर अपना कारोबार कर रहे हैं. हस्तांतरित नहीं होने की परिस्थिति में एसपीटी एक्ट में यह कारोबार अवैध माना गया है.
इन जगहों पर फैल रहा नन सेलेबुल जमीन का धंधा
नन सेलेबुल जमीन का धंधा देवघर शहर से सात किलोमीटर के दायरे में चल रहा है. इसमें कुंडा, दोनिहारी, रामपुर, बलसरा, भुरभुरा, रिखिया, खिजुरिया, चिरोडीह, गिधनी, नंदन पहाड़ इलाका, सिंघवा, कोरियासा, बरियारबांधी, करनीबाद, ठाढ़ीदुलमपुर, हथगढ़, खोरादह, दुमका रोड, चरकी पहाड़ी, बंधा, जसीडीह इलाके में गोपालपुर, रतनपुर, चांदपुर व टाभाघाट आदि मौजा में फैल रहा है. नन सेलेबुल जमीन का दर इन दिनों इस क्षेत्र में 150 से 300 रुपये तक स्क्वायर फिट में अवैध रुप से निर्धारित है. इस कारोबार में बड़े भू-माफिया भी अब पैसा लगाने लगे हैं.