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जसीडीह-कोलकाता ट्रेन का नामकरण ईश्वरचंद विद्यासागर के नाम पर
मधुपुर : शेखपुरा स्थित कृष्णा मैरेज हॉल में रविवार को झारखंड बंगाली समिति मधुपुर की ओर से अंतरराज्यीय बंगाली सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में बिहार, बंगाल व झारखंड के 14 जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद डॉ निशिकांत दुबे, झारखंड बंगाली समाज के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ ज्योति राय, सचिव […]
मधुपुर : शेखपुरा स्थित कृष्णा मैरेज हॉल में रविवार को झारखंड बंगाली समिति मधुपुर की ओर से अंतरराज्यीय बंगाली सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में बिहार, बंगाल व झारखंड के 14 जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद डॉ निशिकांत दुबे, झारखंड बंगाली समाज के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ ज्योति राय, सचिव तपन राय ने संयुक्त रूप से किया.
सांसद डॉ दुबे ने कहा कि बंगला समाज में प्रेम व उनकी बोली में मिठास छिपी है. इस समाज में नारियों को ज्यादा सम्मान मिलता है. आज महिलाओं के साथ बलात्कार, मारपीट जैसी घटनाएं हो रही है. उन्होंने कहा : इन घटनाओं से समाज पर बुरा असर पड़ रहा है. बंगाली समाज से लोगों को प्रेरणा लेने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिस पार्टी का वे सांसद हैं, उसके संस्थापक डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी बंगाली हैं. जिनका जुड़ाव मधुपुर से रहा है.
उन्होंने कहा कि डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 200वीं जन्म शताब्दी पर जसीडीह-कोलकाता ट्रेन का नाम ईश्चरचंद विद्यासागर के नाम से होगा. सांसद ने इसकी घोषणा सम्मेलन में की. कहा कि सेक्यूलरिज्म की बात करने वाले लोग भाजपा को अलग मानते हैं. लेकिन, उन्हें मालूम होना चाहिए कि इसी मधुपुर में काजी नजरुल इस्लाम जब बीमार पड़े थे तो डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने डेढ़ साल तक उनका इलाज किया. देवघर के कृषि महाविद्यालय का नाम रवींद्र नाथ टैगोर रखा गया है. देवघर में सांस्कृतिक केंद्र का नाम भी रवींद्रनाथ संस्कृति केंद्र रखा गया है. यह कोई राजनीति नहीं है. रवींद्र नाथ टैगोर का लगाव मधुपुर व देवघर से रहा है. जिस कारण ही उनके नाम पर महाविद्यालय व केंद्र रखा गया है.
सांसद ने कहा कि विद्यासागर स्टेशन पर ईश्वर चंद्र विद्यासागर की आदमकद प्रतिमा लगायी जायेगी. इसके लिए रेलवे बोर्ड से बात कर ली गयी है. इस अवसर पर एम्स देवघर में लाये जाने पर बंगाली समिति ने सांसद को सम्मानित किया.
कार्यक्रम में कोलकाता से आये अरुण दत्त मजूमदार, मदन मोहन दत्त, समीर मजूमदार, पटना से डाॅ दिलीप कुमार सिन्हा, स्वर्ण माला दास, सच्चिदानंद सिन्हा, दुमका से डाॅ बाणीसेन गुप्ता, पीबी गुहा, रामगढ़ से प्रदीप चक्रवर्ती, साहेबगंज से हिमांशु घोष, जामताड़ा से देवाशीष मिश्रा, गिरिडीह से अरीनंद चटर्जी, रांची से रिंकी चटर्जी, घाटशीला से रनोदेव सिंह आदि मौजूद थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष डाॅ आशीष कुमार सिन्हा, सचिव विद्रोह मित्रा, दिलीप राय, आनंदो सेन, सौरव घोष, मोनू सिन्हा, डाॅ मन्ना, दीपु मित्रा, सोंद्रा मुखर्जी आदि की भूमिका सराहनीय रही.
झारखंड, बिहार व बंगाल के विभिन्न जिलों से पहुंचे प्रतिनिधि
महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं पर जतायी गयी चिंता
सांसद ने कहा
भाजपा के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे बंगाली
सेक्यूलरिज्म की बात कहने वाले भाजपा को ठीक से जानते नहीं
काजी नजरुल के बीमार पड़ने पर डॉ मुखर्जी ने कराया था इलाज
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