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अब तक नहीं हुई कार्यपालक अभियंता पर कार्रवाई

देवघर: एक ओर सरकार पंचायतीराज को सशक्त करने के लिए सभी विभागों को उसके अधीन करने की बात करती है. वहीं दूसरी और विभागों के अधिकारी हैं कि पंचायती राज व्यवस्था तो तरजीह ही नहीं देते. देवघर में एक ऐसे ही अधिकारी हैं लघु सिंचाई रूपांकण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुरेंद्र कुमार. उन्हें जिला परिषद […]

देवघर: एक ओर सरकार पंचायतीराज को सशक्त करने के लिए सभी विभागों को उसके अधीन करने की बात करती है. वहीं दूसरी और विभागों के अधिकारी हैं कि पंचायती राज व्यवस्था तो तरजीह ही नहीं देते.

देवघर में एक ऐसे ही अधिकारी हैं लघु सिंचाई रूपांकण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुरेंद्र कुमार. उन्हें जिला परिषद की बैठकों में शामिल होने के लिए लगातार पत्र दिये जाते रहे लेकिन वे बैठकों में नहीं आते. इस कारण सिंचाई विभाग से संबंधित मामले जो परिषद की बैठकों में आते हैं, उसका निष्पादन नहीं हो पाता है.

लगातार बैठकों में नहीं आने को जिला परिषद ने गंभीरता से लिया और बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि उक्त कार्यपालक अभियंता के खिलाफ कार्रवाई के लिए पंचायती राज व एनआरइपी विशेष प्रमंडल को लिखा जाये. यही नहीं बोर्ड ने उक्त कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध प्रपत्र क गठित कर भेजा भी. लेकिन मुख्यालय ने भी पंचायतीराज के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया. पत्र 16.1.14 को ही उप सचिव पंचायती राज व एनआरइपी (विशेष प्रमंडल) रांची को भेजा गया. लगभग पांच माह होने को है लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई. कार्यपालक अभियंता अभी भी देवघर में बने हुए हैं. वे 2011 से देवघर में पदस्थापित हैं. उधर नगर विकास मंत्री सुरेश पासवान ने भी जल संसाधन विभाग के मंत्री को कार्यपालक अभियंता द्वारा कराये गये 2013-14, 2014-15 के निविदा की जांच कराने की बात कही है.

ढाई वर्ष में एक बार आये बैठक में: जिला परिषद ने गठित प्रपत्र में सरकार को लिखा है कि कार्यपालक अभियंता पिछले ढाई वर्षो में मात्र एक बार बैठक में आये. लगभग 19 बैठकों में उन्होंने भाग नहीं लिया. कई बार स्पष्टीकरण भी पूछा गया, जवाब में स्वास्थ्य खराब होना, बाहर रहना जैसी बहानेबाजी दर्शायी गयी. जबकि वे जिले की अन्य बैठकों में शामिल होते हैं. इसलिए प्रस्ताव में जिला परिषद ने विभाग से उनके विरुद्ध सख्त अनुशासनिक कार्रवाई करने की बात कही है.

कई विभागों का जिम्मा है कार्यपालक अभियंता के पास : भेजे गये पत्र में कहा गया है कि कार्यपालक अभियंता सुरेंद्र कुमार विभाग व जिले के सभी कार्य करते हैं. यहां तक कि विभागीय कार्यो के अलावा नन आइएपी व बीआरजीएफ आदि उपायुक्त द्वारा सौंपे गये अतिरिक्त कार्य भी कर रहे हैं. इनके जिम्मे अपने विभाग के अलावा अन्य विभागों का भी करोड़ों का काम है. लेकिन जिला परिषद के लिए उनके पास समय नहीं है.

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