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निजी क्लिनिक में पांच गुना अधिक जेब ढीली कर अल्ट्रासाउंड करा रहे मरीज
देवघर : सदर अस्पताल के अल्ट्रासाउंड सेंटर अभी मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिलने जा रही है. अल्ट्रासाउंड सेंटर के रेडियोलॉजिस्ट डॉ मनीष लाल व तकनीशियन तापस घोष छुट्टी पर हैं. अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई वैकल्पिक इंतजाम भी नहीं किये गये हैं. पिछले आठ दिनों से अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है. […]
देवघर : सदर अस्पताल के अल्ट्रासाउंड सेंटर अभी मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिलने जा रही है. अल्ट्रासाउंड सेंटर के रेडियोलॉजिस्ट डॉ मनीष लाल व तकनीशियन तापस घोष छुट्टी पर हैं. अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई वैकल्पिक इंतजाम भी नहीं किये गये हैं.
पिछले आठ दिनों से अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है. ऐसी स्थिति में अब मरीजों के लिए प्राइवेट लैब ही एकमात्र विकल्प बचे हैं. सदर अस्पताल में जहां 180 रुपये तक में अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल जाती थी इसी के लिए अब प्राइवेट लैब में लोग पांच गुना अधिक रकम खर्च करने को मजबूर हैं. प्राइवेट लैब में अल्ट्रासाउंड के लिए \" 600 से \" 900 तक लिये जा रहे हैं. बता दें कि देवघर सदर अस्पताल में सुदूर गांवों से भी काफी संख्या में गरीब लोग इलाज कराने आते हैं.
सरकार ने सदर अस्पताल में जांच की हर सुविधा उपलब्ध करा दी है. पर, विभाग मरीजों तक ये सुविधाएं नहीं पहुंचा पा रहा है. गरीब जब इलाज के लिए आते हैं तो एक-एक पाई का हिसाब रखते हैं. यहां तक कि खाने-पीने में अधिक खर्च न हो जाये इसलिए पोटली में ही भोजन बांध कर आते हैं. कई तो बिस्कुट आदि खाकर ही अपनी भूख मिटा लेते हैं. ऐसे में प्राइवेट लैब में जांच के नाम पर वसूली जाने वाली रकम उनका दम निकाल देता है. अब जब तक रेडियोलॉजिस्ट व टेक्नीशियन छुट्टी से लौट नहीं जाते हैं, मरीजों को निजी क्लिनिक में ही अल्ट्रासाउंड कराना होगा.
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