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उजड़ रहा नकटी जंगल, बेरोजगार हो रहे लोग
सोनारायठाढ़ी : ब्रह्मोतरा पंचायत के नकटी गांव का जंगल वन विभाग की उदासीनता की वजह से लुप्त होने के कगार पर है. करीब 160 एकड़ क्षेत्र में फैला जंगल देखरेख न होने की वजह से उजड़ चुका है. इससे आसपास के ग्रामीणों की रोजी-रोजगार पर भी असर पड़ा है. ग्रामीण पत्तल बना कर रोजी-रोटी चलाते […]
सोनारायठाढ़ी : ब्रह्मोतरा पंचायत के नकटी गांव का जंगल वन विभाग की उदासीनता की वजह से लुप्त होने के कगार पर है. करीब 160 एकड़ क्षेत्र में फैला जंगल देखरेख न होने की वजह से उजड़ चुका है. इससे आसपास के ग्रामीणों की रोजी-रोजगार पर भी असर पड़ा है. ग्रामीण पत्तल बना कर रोजी-रोटी चलाते थे. वन विभाग की ओर से इस जंगल को संवारने के लिये कई बार लाखों रुपये खर्च कर पौधरोपण कराया गया. जंगल के चारों तरफ मिट्टी की कटाई भी की गयी, लेकिन सही ढंग से जंगल की निगरानी नहीं होने के कारण अवैध ढंग से पेड़ काट लिये जाते हैं.
माफिया तैयार होने के पहले ही पेड़ों को काट लेते हैं. स्थानीय लोग भी जलावन के लिये पेड़-पौधों को काटते हैं. पानी के अभाव में पौधे सूखने भी लगे हैं. कभी यह जंगल काफी घना हुआ करता था, लेकिन आज जंगल में कम पेड़-पौधे नजर आते हैं. इस जंगल से रोजाना कई पेड़ आज भी कट रहे हैं. वहीं सोनारायठाढ़ी में अवैध आरा मिल संचालक भी जंगल के पेड़ों को काटते हैं. विभाग भी इस अवैध कारोबार को अनदेखा कर रहा है.
ग्रामीणों ने कहा
इस बाबत नकटी गांव के प्रधान मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि जंगल कभी सखुआ के पेड़ से भरा होता था, जिसके कारण आसपास का इलाका प्रदूषण मुक्त रहता था, लेकिन कुछ साल में ही जंगल उजड़ गया.
कई बार जंगल में पौधे तो लगाये गये, लेकिन देखभाल नहीं होने के कारण पौधे सूख गये. जंगल से कई गरीब परिवारों का रोजी-रोजगार पत्तल बनाकर होता था. जो आज उजड़ चुका है. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जंगल से उन्हें काफी सुविधा थी. आसपास का वातावरण स्वच्छ रहता था. जंगल में सागवान, सखुआ, गम्हार समेत कई प्रजाति के पौधे लगाये गये थे, जो अब सूखने लगे हैं.
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