देवघर : जसीडीह थाना क्षेत्र के केनमनकाठी निवासी मंजू देवी ने अपने एक्सिस बैंक एकाउंट से 9,34,841 रुपये की अवैध निकासी का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत 26 फरवरी को साइबर थाने में दी थी. मामले में एकाउंट खुलवाने वाले बैंक के दो कर्मी की मिलीभगत से रुपये की अवैध निकासी का आरोप लगाया है.
चार दिन बीतने के बाद भी पुलिस जांच पूरी नहीं हुई, तो डर से बैंक के एकाउंट से बाकी बची राशि अपने बैंक ऑफ इंडिया के एकाउंट में ट्रांसफर करा ली. पूछे जाने पर मंजू के पति संतु दर्वे ने बताया कि उसका ससुराल कुंडा थाना क्षेत्र में है. हवाई अड्डे में उसकी जमीन गयी थी, जिसमें पत्नी के हिस्से विस्थापन का 20 लाख रुपया मिले थे. उसी दौरान पति-पत्नी ने एक्सिस बैंक में संयुक्त एकाउंट नौ अगस्त 2017 को कर्मियों के माध्यम से खोलवाया था. एकाउंट से मोबाइल नंबर भी लिंक करा दिया था. एकाउंट में उनलोगों ने 29 सितंबर को 20 लाख रुपया जमा कराये थे. बाद में उसमें से छह लाख रुपये की निकासी कर ली.
31 दिसंबर 2017 तक एकाउंट में 13,78,613 रुपये जमा थे. दो फरवरी से उसके एकाउंट से अवैध निकासी होती गयी. ग्रामीण क्षेत्र में रहने के कारण मोबाइल पर कोई एसएमएस भी नहीं आया. सोमवार को पासबुक अप-टू-डेट कराने बैंक पहुंचा, तो पता चला कि एकाउंट से 9,34,841 रुपये की अवैध निकासी हो गयी है. इसके बाद साइबर थाना आकर शिकायत दी. रुपया निकासी से संबंधित कोई एसएमएस मोबाइल पर नहीं आया. पासबुक अप-टू-डेट कराने पर जानकारी हुई कि बारी-बारी से एकाउंट से रुपये की निकासी हुई. आशंका जतायी है कि बैंक कर्मियों की मिलीभगत से ही उसके एकाउंट से अवैध निकासी हुई.
इस संबंध में एक्सिस बैंक के शाखा प्रबंधक पवन कुमार झा ने अपने कर्मियों पर लगाये गये आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि यूपीआइ (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) मोड से पैसे का ट्रांसफर किया गया है. इसके लिए मोबाइल नंबर व डेबिट कार्ड साथ-साथ होना जरूरी है. यह भी बताया कि शिकायत लेकर एकाउंटधारक मिले थे तो साइबर थाने में शिकायत देने को कहा था. अब पुलिस अनुसंधान से ही पता चलेगा कि एकाउंट से अवैध निकासी कैसे की गयी है.