देवघर: देवघर जिले में डिमांड के अनुसार मजदूरों को प्रशासन मनरेगा में काम मुहैया नहीं करा पायी. पिछले दिनों राज्य सरकार ने फरवरी से मार्च 2014 तक मनरेगा मजदूरों के लिए ‘काम मांगो अभियान’ चलाया था. अभियान का प्रचार जिले में भी बड़े जोर-शोर से प्रशासन ने किया था.
अभियान के दौरान 25 मार्च तक जिले भर के सभी प्रखंडों से कुल 9,769 मजदूरों ने मनरेगा में काम मांगा था. इसके लिए मजदूरों ने कैंप में आवेदन दिये थे, लेकिन प्रशासन 7,262 मजदूरों को ही काम मुहैया करा पायी. 2507 मजदूरों को प्रशासन इस अभियान के तहत काम मुहैया कराने में असफल रही. हालांकि प्रशासन ने 7,599 मजदूरों को एमआइएस इंट्री (रजिस्टर्ड) किया, लेकिन 2507 मजदूर अभियान में काम से वंचित रह गये.
काम मांगों अभियान के दौरान ही कुल 7,655 मजदूरों ने जॉब कार्ड की मांग के लिए आवेदन दिया, इसमें 4,519 मजदूरों को ही जॉब कार्ड मुहैया कराया गया. मनरेगा के इस लचर संचालन से ही पिछले दिनों देवघर मनरेगा के राष्ट्रीय पुरस्कार की दौड़ से बाहर हो गया था.