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प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग दे रहा डायबिटीज

देवघर: आइएमए के राज्यस्तरीय कॉफ्रेंस जिमेकाॅन-2017 के अंतिम दिन चिकित्सकों ने आधुनिक तकनीक से उपचार पर मंथन किया तथा चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हर दिन हो रहे बदलाव पर चर्चा की. आइ स्पेशलिस्ट डॉ बीपी कश्यप ने कहा कि मोतियाबिंद में फेमटो लेजर सर्जरी पद्धति फेको सर्जरी से ज्यादा सुरक्षित है. वहीं डॉ एनके […]

देवघर: आइएमए के राज्यस्तरीय कॉफ्रेंस जिमेकाॅन-2017 के अंतिम दिन चिकित्सकों ने आधुनिक तकनीक से उपचार पर मंथन किया तथा चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हर दिन हो रहे बदलाव पर चर्चा की. आइ स्पेशलिस्ट डॉ बीपी कश्यप ने कहा कि मोतियाबिंद में फेमटो लेजर सर्जरी पद्धति फेको सर्जरी से ज्यादा सुरक्षित है. वहीं डॉ एनके सिंह ने कहा कि आज युवा भी डायबिटीज से ग्रसित हो रहे हैं.

बढ़ रहे प्लास्टिक का उपयोग भी डायबिटीज का एक कारण है. बंपास टाउन स्थित डॉ एके चटर्जी नगर (बिजली कोठी नं-3) में चल रहे दो दिवसीय कांफ्रेंस के आखिरी दिन साइंटिफिक सत्र में वेंकेटेश्वर हॉस्पिटल दिल्ली के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ विपिन कुमार दुबे, फिजिसियन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के झारखंड शाखा के चेयरमेन डॉ एनके सिन्हा, कश्यप मेमोरियल आइ हॉस्पिटल रांची के डॉ बीपी कश्यप सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों ने व्याख्यान दिया.

वहीं स्थानीय वक्ता के तौर पर डॉ नेहा प्रिया व डॉ रीता ठाकुर ने भी चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे बदलाव पर अपने विचार दिये. इसके अलावा विभिन्न बीमारियों सहित उसके कारणों व उपचार के नये-नये शोध पर भी चर्चा की गयी. साइंटिफिक सत्र में वक्ताओं ने बताया कि चिकित्सा विज्ञान में बदलाव की जानकारी चिकित्सक इंटरनेट के माध्यम से भी ले सकते हैं. कांफ्रेंस में पूर्व निदेशक प्रमुख डॉ जितेंद्र कुमार सिंह सहित आइएमए झारखंड के अध्यक्ष डॉ एके सिंह, सचिव डॉ पीके सिंह, बिहार आइएमए के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डॉ अजय कुमार, झासा के सचिव डॉ विमलेश सिंह, आइएमए के झारखंड स्टेट कोर्डिनेटर डॉ अजय कुमार सिंह सहित अन्य मौजूद थे. कांफ्रेंस को सफल बनाने में आइएमए देवघर शाखा के अध्यक्ष डॉ रमन कुमार सहित, सचिव डॉ गौरीशंकर, स्वागत समिति के सचिव डॉ जीपी वर्णवाल, आयोजन समिति के सचिव डॉ डी तिवारी, डॉ जेके चौधरी, साइंटिफिक कमिटि के अध्यक्ष डॉ डीपी भूषण, सचिव डॉ सिकंदर सिंह, डॉ आरएन प्रसाद, डॉ एनसी गांधी, डॉ शत्रुघ्न सिंह, डॉ अमित प्रसाद सहित अन्य की भूमिका सराहनीय रही.

फेमटो लेसर पूरी तरह सुरक्षित व आरामदायक: डॉ कश्यप
कश्यप मेमोरियल आइ हॉस्पिटल, रांची के डॉ बीपी कश्यप ने बताया कि मोतियाबिंद में फेमटो लेजर सर्जरी पद्धति फेको सर्जरी से ज्यादा सुरक्षित है. ऑपरेशन के बाद मरीजों में दृष्टि जल्दी वापस आती है. निकट भविष्य में यह टेक्नोलॉजी सस्ती होगी, जिससे उन मोतियाबिंद से ग्रसित मरीजों को इस टेक्नोलॉजी का विशेष लाभ मिलेगा. यह वैसे मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है, जिनका मोतियाबिंद बहुत कड़ा हो गया हो. ज्यादा पकने से मोतियाबिंद के अन्दर का प्रेशर बढ़ गया हो. मोतियाबिंद जगह से खिसक गया हो, जिनका मोतियाबिंद पिछली झिल्ली से बिल्कुल सटा हुआ हो या ऐसे व्यक्ति जो ब्लेड से डरे हुए हों, ऐसे मरीजों को इस तकनीक की काफी जरूरत होती है. इस तकनीक के सस्ता होने से निकट भविष्य में इसका सभी कोई लाभ उठा सकेंगे.
संताल के चिकित्सा जगत को मिलेगी दिशा : डॉ जेके
इंटरटेनमेंट व कल्चरल कमेटी के अध्यक्ष डॉ जेके चौधरी ने कहा कि राज्यस्तरीय वार्षिक सम्मेलन से संताल के चिकित्सा जगत को एक दिशा मिलेगी. सम्मेलन के साइंटिफिक सत्र में कोलकाता, दिल्ली व झारखंड के अन्य जगह के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने नयी तकनीक व नयी चिकित्सा पद्धति पर व्याख्यान दिया. वहीं सांगठनिक एकजुटता भी सामने आयी.
मरीजों को मिलेगा लाभ : डॉ जीपी
स्वागत समिति के चेयरमैन डॉ जीपी वर्णवाल ने कहा कि बाबाधाम में डॉक्टरों के महासंगम से ज्ञानवर्द्धन हुआ है. इसका सीधा लाभ राज्य की जनता को मिलेगा. उनकी स्वास्थ्य समस्याओं को अब डॉक्टर नयी तकनीक से
राहत पहुंचायेंगे.
डायबिटीज के लिए कसरत है चमत्कार: डॉ एनके सिंह
एसोसिएशन फिजिसियन ऑफ झारखंड के चेयरमैन डॉ एनके सिंह ने कहा कि देश में डायबिटीज तेजी से बढ़ रहा है. खासकर युवा भी डयबिटिज से पीड़ित हो रहे हैं. इसका प्रमुख कारण खाद्य पदार्थों में कीटनाशी व फर्टिलाइजर के प्रयोग से पोप्स डेवलप होता है और वह शरीर के इंसूलिन बनने वाले बीटा सेल को मारता है. साथ ही बढ़ रहे प्लास्टिक का उपयोग भी डायबिटिज का कारण बन रहा है. प्लास्टिक में बीसफेनोल पाया जाता है, जो पानी में घुलने लगता है. यह शरीर के बीटा सेल को नष्ट करता है. ऐसे में प्लास्टिक के बजाय लोग शीशा का बरतन या बोतल का उपयोग करें. साग-सब्जी को तीन मिनट तक धोने के बाद उपयोग करें. सेव जैसे फल का छिलका हटा लें. अरवा चावल का उपयोग डायबिटिज मरीज नहीं करें. सुपर फूड जैसे टमाटर, बैर, शकरकंद, बादाम व अखरोट का सेवन हर्ट व डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है. तीसी-मैथी में मेगा-3 पुटी एसिड होता है, जो डायबिटिज के लिए प्रोटेक्टिव है. दवा से डायबिटिज कंट्रोल किया जा सकता है. हर्ट-किडनी खराब होने से नहीं रोक सकता. डायबिटिज के लिए कसरत ही चमत्कार है.

मरीजों को मिलेगा फायदा
डॉ सहजानंद
पटना से आये बिहार आइएमए अध्यक्ष डॉ सहजानंद ने कहा कांफ्रेंस काफी सफल रहा. साइंटिफिक सत्र का लाभ लेकर डॉक्टर अब मरीजों की नयी तकनीक से इलाज करेंगे. निश्चित तौर पर मरीजों को इसका फायदा मिलेगा.
मरीजों को मिलेगा फायदा
डॉ सहजानंद
पटना से आये बिहार आइएमए अध्यक्ष डॉ सहजानंद ने कहा कांफ्रेंस काफी सफल रहा. साइंटिफिक सत्र का लाभ लेकर डॉक्टर अब मरीजों की नयी तकनीक से इलाज करेंगे. निश्चित तौर पर मरीजों को इसका फायदा मिलेगा.
दर्द ही नहीं भारीपन भी है हर्ट के लिए खतरा: डॉ दुबे
वेंकटेश्वर हॉस्पिटल, नयी दिल्ली के निदेशक हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ विपिन कुमार दुबे ने कहा कि सीने का दर्द तेज नहीं बल्कि मांसपेशियों की दर्द की तरह भारीपन होता है. इससे लंग्स में हवा भरता है, जो खतरनाक होता है. लोगों को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. किसी को तो सीने के दर्द का एहसास भी नहीं होता है और अचानक अटैक तक आ जाता है. इसीजी में भी पहली बार यह पता नहीं चल पाता है. ऐसे में दो-तीन बार इसीजी कराना चाहिये. साथ ही इको व ब्लड जांच से परीक्षण करने की जरूरत है. हर्ट अटैक आने के बाद छह घंटे में इलाज में हो जाये, तभी यह फायदेमंद होता है. देर से इलाज में जाने पर मरीज को खतरा रहता है. सामान्यत: लोग समझते हैं बायीं तरफ सीने में दर्द हर्ट का है, लेकिन अब गैस की तरह का दर्द भी हृदह से संबंधित होता है. लंग्स में रक्त जमने से भी हर्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

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