हाॅस्टल भवन में पठन-पाठन चल रहा है. इस भवन में छात्र-छात्राओं को बुनियादी सुविधाएं भी नसीब नहीं हैं. कॉलेज के टॉयलेट में पानी का इंतजाम नहीं है, इस कारण दुर्गंध फैलती रहती है. बेसिन पान के पीक से भरा पड़ा है. पेयजल की सुविधा का अभाव है. पुस्तकालय में अध्ययन के लिए सिलेबस के अनुरूप पाठ्य पुस्तकें नहीं हैं. कॉलेज भवन में कहने के लिए गर्ल्स व ब्वॉयज के लिए अलग-अलग कॉमन रूम है, लेकिन यह गंदगी व धूल से पटा होने के साथ-साथ सुविधा विहीन है. बिजली के तार जहां-तहां झूल रहे हैं. कैंपस में जंगल-झाड़ उगने के साथ-साथ गंदगी के ढेर लगे हुए हैं.
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बदहाली: राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय का मुख्य भवन जर्जर, अब भी हॉस्टल भवन में चल रही कक्षाएं
देवघर : वर्ष 1962 में स्थापित देवघर का राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है. निर्धारित मापदंड पूरा नहीं करने के कारण कॉलेज को एनसीटीइ से दो शैक्षणिक सत्र तक मान्यता नहीं दी गयी. अब जब शैक्षणिक सत्र 17-19 के लिए कॉलेज को एनसीटीइ से मान्यता दे दी गयी है, बावजूद कॉलेज […]
देवघर : वर्ष 1962 में स्थापित देवघर का राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है. निर्धारित मापदंड पूरा नहीं करने के कारण कॉलेज को एनसीटीइ से दो शैक्षणिक सत्र तक मान्यता नहीं दी गयी. अब जब शैक्षणिक सत्र 17-19 के लिए कॉलेज को एनसीटीइ से मान्यता दे दी गयी है, बावजूद कॉलेज में सुविधाओं का अभाव है. कॉलेज का मूल भवन जर्जर हो गया है.
हाॅस्टल भवन में पठन-पाठन चल रहा है. इस भवन में छात्र-छात्राओं को बुनियादी सुविधाएं भी नसीब नहीं हैं. कॉलेज के टॉयलेट में पानी का इंतजाम नहीं है, इस कारण दुर्गंध फैलती रहती है. बेसिन पान के पीक से भरा पड़ा है. पेयजल की सुविधा का अभाव है. पुस्तकालय में अध्ययन के लिए सिलेबस के अनुरूप पाठ्य पुस्तकें नहीं हैं. कॉलेज भवन में कहने के लिए गर्ल्स व ब्वॉयज के लिए अलग-अलग कॉमन रूम है, लेकिन यह गंदगी व धूल से पटा होने के साथ-साथ सुविधा विहीन है. बिजली के तार जहां-तहां झूल रहे हैं. कैंपस में जंगल-झाड़ उगने के साथ-साथ गंदगी के ढेर लगे हुए हैं.
आठ शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई
राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय देवघर में पढ़ाने के लिए पहले से तीन शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं. विषयवार पठन-पाठन के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर द्वारा मंगलवार को अतिरिक्त पांच शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. स्वीकृत पदों के आलोक में तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मचारी नहीं हैं. कॉलेज के दो सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो भिखारी बैठा व डॉ मुरलीकांत झा द्वारा कॉलेज में शिक्षा दान करने का वादा किया गया है.
कहते हैं प्राचार्य
महाविद्यालय प्राचार्य मोहन चांद मुकिम ने कहा कि पठन-पाठन वर्तमान में कॉलेज के हॉस्टल में चल रहा है. दो कमरे में वर्ग कक्ष का संचालन हो रहा है. चार बोरिंग की गयी है, लेकिन पानी नहीं मिल पाया है. वैकल्पिक व्यवस्था के लिए चापानल से पानी का इंतजाम पर विचार कंर रहे हैं. बिजली का समुचित इंतजाम करायेंगे. साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. लाइब्रेरी में सिलेबस के अनुरूप पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करायेंगे.
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