देवघर: नगर निगम क्षेत्र में रह रहे लोगों में अबतक 45693 हजार लोगों ने ही सेल्फ असेसमेंट फॉर्म (सैफ) भरा है. इससे नगर निगम को संपत्ति कर के रूप में सात करोड़ से अधिक की आय हुई है. वहीं अबतक 68 हजार लोगों ने सैफ लिया है. इसके बावजूद निगम में अबतक करीब 15 हजार ही नये होल्डिंग नंबर जारी कर पाया है. एक अनुमान के अनुसार, निगम क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख लोगों का घर है. ऐसे में निगम को क्षेत्र के सभी लोगों को होल्डिंग नंबर उपलब्ध कराना चुनौती बनी हुई है.
26 जुलाई से शुरू टैक्स जमा: राज्य में होल्डिंग टैक्स का अपग्रेडेशन होने के बाद सेल्फ असेसमेंट फॉर्म (सैफ) के माध्यम से टैक्स जमा करने की नियम बना. इसके लिए अलग-अलग जगहों में अलग-अलग कंपनियों को टेंडर दिया गया. संताल परगना में पीपीएस कंपनी द्वारा जन सुविधा केंद्र में सैफ के माध्यम से 26 जुलाई 2016 टैक्स जमा कराने का काम प्रारंभ हुआ था. तब निगम ने कंपनी को दर्ज 16376 होल्डिंगधारियों की सूची सौंपी थी. वहीं अबतक कुल 45,693 लोगों ने सैफ के माध्यम से 7,79,65,440 रुपये संपत्ति कर के रूप में जमा कराया. जबकि निगम होल्डिंग नंबर जारी करने में पूरी तरह से सुस्त है.
निगम क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख लोगों का घर अनुमानित: हर दिन बढ़ती जनसंख्या व नन-सेलेबुल जमीन पर बने घर से भी सैफ फॉर्म लेने का नियम बनने के बाद लोगों की मानें तो निगम में करीब डेढ़ लाख घरों की संख्या हो गयी है.
विभिन्न मद में आठ करोड़ से अधिक जमा
अबतक पीपीएस कंपनी ने फाइन समेत अलग-अलग मद में 8,32,21,164 रुपये वसूल किये हैं. जिसमें की संपत्ति कर सहित ट्रेड लाइसेंस, पानी सप्लाइ आदि का मासिक शुल्क शामिल है. कंपनी की ओर से 32 हजार सैफ पूरी तरह से डिजिटाइलेशन हो चुका है.
कंपनी को सवा करोड़ कमीशन
पीपीएस कंपनी को सैफ फॉर्म से आये कुल टैक्स से 15 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से सिर्फ देवघर जिले से सवा करोड़ रुपये आय हुई है. अगर पूरे संताल का हिसाब करें, तो करीब 20 करोड़ से अधिक की आय हो चुकी है. कंपनी जिस तेजी से काम कर रही है, उस हिसाब से निगम काफी पीछे चल रहा है.
दो हजार से अधिक लोगों ने फाइन के साथ जमा कराया सैफ
एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुल 1652 लोगों ने कुल 58.58 लाख रुपये, वहीं एक सितंबर से 30 अक्तूबर तक कुल 710 लोगों ने 38 लाख से अधिक रुपये फाइन के साथ कर जमा कराये.
निगम के अधिकारी ने कहा
निगम के नगर प्रबंधक प्रकाश मिश्र से पूछने पर बताया कि कंपनी का काम सैफ व टैक्स जमा कराना है. निगम पूरी जांच-पड़ताल करने के बाद ही होल्डिंग नंबर प्रदान करती है. काम तेजी से चल रहा है.
कंपनी के अधिकारी ने कहा
पीपीएस कंपनी के एरिया मैनेजर सदानंद शर्मा से पूछने पर बताया कि कंपनी द्वारा काफी तेजी से काम किया जा रहा है. अबतक करीब 46 हजार सैफ जमा कराये जा चुके हैं. जिसमें कि करीब 32 हजार सैफ को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है. निगम ऑनलाइन सभी सैफ को होल्डिंग नंबर प्रदान करेगी, ये अधिकार निगम के पास होता है.