जानकारी हो कि खनन विभाग के दिशानिर्देश में स्पष्ट है कि एक से डेढ़ किमी आबादी की दूरी पर होने के बाद ही पत्थर उत्खनन का लीज दिया जा सकता है, जबकि पहरीडीह गांव पहाड़ी की तलहटी पर बसा है. इसकी आबादी तीन सौ से अधिक है, जिसमें 70 परिवार के लोग रहते हैं. परंतु लगभग 30 मीटर के दायरे में ही विस्फोट कर पत्थर को तोड़ा जाता है, जिससे पत्थर का टुकड़ा उड़कर सभी घरों में गिरते रहते हैं. इस कारण गांव के लोग, बच्चे व महिलाएं घर में दुबके रहते हैं. इतना ही नहीं बाहर बंधे जानवरों को भी पत्थर से चोट लगती है.
वार्ड सदस्य अशोक पोद्दार, ग्रामीण महेन्द्र पोद्दार, घनश्याम, संतोष, विष्णु प्रकाश, बालमुकुन्द, शंभू, भवेश, गणेश, सुरेन्द्र, बालेश, कपिलदेव पोद्दार, कविता देवी, सरिता देवी, गीता देवी, उमा देवी, तारा देवी, सुरजी देवी, कैकेई देवी, बेबी देवी, राधिका देवी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने देवघर उपायुक्त, जिला खनन पदाधिकारी, देवघर विधायक नारायण दास से पहरीडीह के ग्रामीणों ने जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगायी है. वहीं जिप सदस्य महेन्द्र यादव ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर एक सप्ताह के अन्दर समस्या का समाधान नहीं किया गया तो जिप उपाध्यक्ष संतोष पासवान व ग्रामीणों के साथ पहाड़ी पर धरना-प्रदर्शन आदि आंदोलनात्मक कार्रवाई की जायेगी.