देवघर: सीजेएम कोर्ट में देवघर के पूर्व अंचलाधिकारी रवि शंकर विद्यार्थी को सरेंडर करने का आदेश दिया है. यह आदेश प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में दाखिल क्रिमिनल रिविजन की सुनवाई के बाद जारी किया है.
इस आदेश से श्री विद्यार्थी की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. वे राहत के लिए सीजेएम कोर्ट के संज्ञान के आदेश के विरुद्ध रिविजन में गये थे. जिला जज की अदालत में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उक्त आदेश पारित कर दिया गया. इन्हें जीओसीआर 154/06 का आरोपित का बनाया गया है और भादवि की धारा 182, 211 लगायी गयी है.
क्या है मामला
यह मामला नगर थाना कांड संख्या 295/05 को लेकर उजागर हुआ है. तत्कालीन सीओ ने जालसाजी का मुकदमा गौतम सरकार व प्यारेलाल ठाकुर के विरुद्ध दर्ज कराया था. साथ ही आरोपितों के विरुद्ध भादवि की धारा 467, 468, 471, 420 व 120 बी लगायी गयी थी. जाली कागज बनाकर जमीन बेचने का आरोप लगाया गया था. अनुसंधान के क्रम में मामला असत्य करार दिया गया और आइओ ने सूचक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया. इस मामले में कोर्ट ने 15 जून 2011 को संज्ञान लिया और कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया. इसी आदेश के विरुद्ध रिविजन में गया जहां पर आरोपित को राहत नहीं मिली.