देवघर : पेयजल व स्वच्छता प्रमंडल के प्रधान सचिव अमरेन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को एक स्थानीय होटल में पेयजल व स्वच्छता मिशन ग्रामीण की बैठक हुई. बैठक में देवघर जिले को आगामी मार्च-2018 तक पूर्ण रूप से बाह्य शौच मुक्त करने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे कार्यों पर श्री सिंह ने संतुष्टि जताते हुए कहा गया कि श्रावणी व भादो मेला के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. इससे जिले को बाह्य शौच मुक्त कराये जाने का कार्य बाधित हो रहा था. मगर इसके बावजूद देवघर में कार्य प्रगति काफी अच्छी है.
साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि यदि इसी प्रकार तेजी से कार्य चलता रहा तो मार्च 2018 तक लक्ष्य की प्राप्ति हो जायेगी. उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस दिशा में कार्य करने के लिए कई लोगों को कोलकाता में भी प्रशिक्षित किया गया, ताकि कार्य सुचारू रूप से चल सके. लोगों की आदतों में बदलाव लाने के लिए पूर्ण रुपेण स्वच्छता कार्यक्रम चलाया जायेगा.
उनके द्वारा बतलाया गया कि देवघर जिला में लक्ष्य के अनुरूप अब तक 75 फीसदी अर्थात 93,356 शौचालयों का निर्माण हो चुका है और शेष बचे 57,383 शौचालयों का निर्माण जल्द ही करा लिया जायेगा. साथ ही उनके द्वारा मनरेगा के माध्यम से 9,000, डीएमएफटी के माध्यम से 10,000, एमएलए फंड के माध्यम से 3,500 अौर स्टेट प्लांट के तहत 9,631 निष्क्रिय शौचालयों को क्रियाशील किया जायेगा. डीसी ने कहा जिले के 194 पंचायतों में से कापी संख्या में बाह्य शौचमुक्त घोषित हो चुके हैं. इनके अलावा जो भी पंचायतें शेष रह गये हैं, उन्हें भी जल्द अोडीएफ घोषित कर लिया जायेगा. डीसी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में जिले में जहां 70,371 शौचालयों का निर्माण हुआ था; वहीं इस वर्ष 35,329 शौचालयों का निर्माण कराया गया है. मौके पर प्रशिक्षु आइएएस कर्ण सत्यार्थी, यूनिसेफ के अधिकारी, देवघर बीडीअो रजनीश कुमार जिला के सभी बीडीअो, पीएचइडी के एसठ, एइ आदि मौजूद थे.