सारठ बाजार: ग्रामीण क्षेत्रों से पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए विभाग ने चितरा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत नारंगी मोड़ के समीप करीब 55 लाख की लागत से इंटेकवेल का निर्माण करवाया गया था, लेकिन बीते 10 अक्तूबर को अचानक बराज का जलस्तर बढ़ जाने से इंटेकवेल पानी में बह गया.
जिसके बाद विभाग पर सवालिया निशान उठना शुरु हो गया था. कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने विभाग के उच्च अधिकारी को मामले की जांच का निर्देश दिया था. शुक्रवार को पीएचइडी के अधीक्षण अभियंता रघुनंदन शर्मा, कार्यपालक अभियंता प्रदीप चौधरी व सहायक अभियंता नवीन भगत ने पहुंचकर योजना की जांच की. अधीक्षण अभियंता ने कृषि मंत्री को बताया की भारी बारिश के कारण अचानक जल स्तर बढ़ा व पानी का बहाव भी तेज हो गया. समय पर बराज का गेट नहीं खोले जाने के कारण इंटेकवेल पानी में बह गया.
अधिकारियों ने यह भी बताया कि बराज में 24 हजार क्यूसेक पानी रोटेशन की क्षमता है. लेकिन समय पर गेट नहीं खेले जाने के कारण पानी का दबाव एक लाख 40 हजार तक बढ़ गया जो कि क्षमता से पांच गुणा अधिक है. जल संसाधन विभाग के अधिकारी सही रूप से मोनीटरिंग करते तो इंटेकवेल पानी में नहीं बहता. नारंगी पुल के दो स्लैब के एक्सटेंशन ज्वाइंट भी क्रेक करने की बात अधिकारियों ने बतायी. कृषि मंत्री ने कहा कि संवेदक को फिर इंटेकवेल बनाना होगा.