मुंबई /देवघर : भारतीय विमानपत्तन प्राधिकार (एएआई) की उत्तर प्रदेश में लखनऊ व इलाहाबाद तथा झारखंड में देवघर हवाई अड्डे पर विकास कार्यों में 1530 करोड रुपये निवेश की योजना है. बताया जा रहा है कि झारखंड के देवघर में हवाई अड्डे का इस तरह से विकास किया जायेगा ताकि इसका इस्तेमाल सैन्य व असैन्य दोनों ही उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सके. असैन्य उपयोग के तहत यहां एयरबस 320 तथा सैन्य उपयोग के तहत सी-130 एयर क्राफ्ट जैसे विमानों का परिचालन किया जाना प्रस्तावित है.इस परियोजना की अनुमानित लागत 401.34 करोड रुपये है.
एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार, देवघर में दो रनवे बनाये जाने की योजना है. एक, 2700 मीटर लंबा और दूसरा 2820 मीटर लंबा होगा. इसके अलावा प्रस्तावित एयरपोर्ट आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. देवघर में रक्षा मंत्रालय की ओर से रक्षा अनुसंधान केंद्र का निर्माण भी हो रहा है. इसलिए डिफेंस भी देवघर एयरपोर्ट का इस्तेमाल करेगा. इसके लिए अलग से इस एयरपोर्ट में सुविधा होगी. तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने देवघर एयरपोर्ट के लिए 200 करोड़ देने की स्वीकृति दी थी. ज्ञात हो कि देवघर में आयुध कारखाना व गोड्डा में सैनिक स्कूल खोलने का भी प्रस्ताव है. इसलिए भी डिफेंस ने इस एयरपोर्ट के लिए पैसा लगाया है.
झारखंड सरकार, डीआरडीओ और एएआई के मध्य मार्च 2017 में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये थे.इसके साथ ही भारतीय विमानपत्तन प्राधिकार हीरासर, राजकोट में नया हवाई अड्डा बनाएगा. प्राधिकार की इस पहल का उद्देश्य यात्रियों की बढती संख्या को ध्यान में रखते हुए हवाई अड्डों की आधारभूत संरचना को बेहतर बनाना है. यहां जारी बयान के अनुसार प्राधिकार 1230 करोड रुपये की अनुमानित लागत से लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे में नये एकीकृत यात्री टर्मिनल भवन का निर्माण करेगा. पिछले पांच वर्ष में इस हवाई अड्डे में यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है.