आवेदनकर्ता को संबंधित कागजात भी ऑनलाईन अपलोड करना पड़ता था, जांच में सब कुछ सही पाये जाने पर उनका मतदाता पहचान पत्र तैयार कर बीएलओ के माध्यम से उनके निवास स्थान तक पहुंचा दिया जाता था. इआरओ नेट की सुविधा में अब जब भी कोई व्यक्ति फॉर्म संख्या 06 के माध्यम से अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराना चाहेंगे तो उन्हें उसी के साथ जुड़े हुए एक कॉलम में प्रपत्र-01 को भी भरना पड़ेगा और उसे ऑनलाइन करने के बाद इसकी सारी विवरणी पूर्व विधान सभा क्षेत्र के इलेक्टोरल ऑफिसर को मिल जायेगा. इतना हीं नहीं किसी नए विधान सभा क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने हेतु आवेदन देने पर आवेदनकर्ता का नाम पूर्व मतदाता सूची से खुद ब खुद हट जायेगा.
डीसी ने बताया कि पुरानी व्यवस्था में पहले सभी राज्यों को अलग-अलग ईआरएमएस सॉफ्टवेयर डेवलप करना पड़ता था, इन सभी के संचालन में एक-दूसरे से भिन्नता होने की वजह से केंद्रीय स्तर पर इसका अनुश्रवण करने में कुछ समस्याएं आ रही थी. अब ईआरओ नेट की सुविधा से एक देश, एक प्रणाली के तर्ज पर पूरे देश में एक सस्टिम के तहत कार्य हो पायेगा. इससे अनुश्रवण में काफी आसानी होगी.
यह प्रक्रिया सभी के लिए जटिल थी. अब घर बैठे इंटरनेट के जरिये www.ero.in में लॉगइन कर नये नाम जोड़ने का आवेदन समेत त्रुटि व एक विधानसभा से नाम हटाने का आवेदन देकर दूसरे विधानसभा में नाम जोड़ने का भी आवेदन दे सकते हैं. आवेदक को पुराने बूथ पर आने की अब जरुरत भी नहीं पड़ेगी. सब ऑनलाइन होगा. आवेदक कहीं भी इस प्रक्रिया को इंटरनेट के जरिये अपना सकते हैं. हालांकि मैनुअल व्यवस्था पहले की तरह बरकरार रहेगी. डीसी ने राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के साथ बैठक कर भी इसका प्रचार-प्रसार करने का आग्रह किया. इस मौके पर उप निर्वाचन पदाधिकारी दिलीप कुमार सिंह थे.