देवघर : रात्रि ड्यूटी के दौरान लगातार दो दिनों से कुछ युवकों के खुद को एक संस्था का सदस्य बताकर परेशान करने के मामले को चिकित्सकों ने गंभीरता से लिया. इस क्रम में गुरुवार सुबह डॉक्टरों ने एक घंटा तक ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया. सभी चिकित्सक एकजुट होकर सिविल सर्जन से मिलने पहुंचे. काफी देर तक सभी चिकित्सक सिविल सर्जन कार्यालय में बैठे रहे. किंतु सीएस नहीं आये. इसके बाद करीब 10 बजे सभी चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा आरंभ की.
बताया कि सोमवार व मंगलवार देर रात दर्जनों युवक इमरजेंसी ओपीडी में पहुंचकर गाली-गलौज कर धमकाने लगे. इससे उनलोगों को कार्य में काफी परेशानी हुई. मामले की सूचना पाकर पुलिस पहुंची, तब उन लोगों को हटाया था. डॉक्टरों का आरोप है कि मरीज को गंभीर हालत में रेफर किये जाने के बावजूद उसे आइसीयू में रखा गया. उसी मामले में वे लोग लगातार परेशान करते रहे. डॉक्टरों ने कहा कि अगर यही हालत रहेगी तो वे लोग आइएमए-झासा के बैनर तले आंदोलन को बाध्य होंगे.