पालोजोरी: सीएचसी में प्रसव के बाद मां अपने संतान के साथ 48 घंटे भी नहीं रूक रही है. यह जानकारी देवघर ममता वाहन कॉल सेंटर से मिली है. 48 घंटे भी सीएचसी में नहीं रूकने के कारण प्रसव पश्चात जांच प्रभावित हो रहा है.
महिला चिकित्सक डॉ ऐनी एलिजाबेथ ने बताया कि प्रसव के बाद का 48 घंटा संतान व नवजात के लिए काफी महत्वपूर्ण है. डॉक्टर और नर्स की देखरेख में रहने से संभावित खतरे की पहचान होती है. जिससे इलाज में सुविधा होती है. 48 घंटे के दौरान बच्चे को पड़ने वाला बीसीजी का टीका और पोलियो का शून्य डोज पड़ने के साथ साथ बच्चे के स्तनपान पर भी नजर रखी जाती है, लेकिन गर्भावस्था में उचित सलाह परामर्श के अभाव में प्रसव के बाद मां 48 घंटे नहीं रूकती है. जिस कारण घर वापसी में मिलने वाली ममता वाहन की नि:शुल्क सुविधा नहीं मिल पा रही है.
क्या कहते हैं प्रभारी
सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ लियाकत ने बताया कि किसी भी सूरत में प्रसव के बाद संतान व बच्चे को 48 घंटे रूकना है. नहीं तो जेएसवाइ का लाभ उन्हें नहीं दिया जायेगा. प्रसव कक्ष के सभी कर्मियांे के साथ सहिया साथी की बैठक में इस बात को प्रमुखता के साथ रख दिया जायेगा. निर्धारित समय तक रहने से जननी शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जांच, दवा व भोजन की सुविधा भी दी जायेगी.