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आक्रोश: रोजगार सेवकों ने निकाला जुलूस, रोषपूर्ण प्रदर्शन, अनुमंडल कार्यालय का घेराव

मधुपुर: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ, देवघर के तत्वावधान में मधुपुर इकाई के नेतृत्व में अनुमंडल कार्यालय का घेराव किया गया. कार्यक्रम का नेतृत्व पुनित कुमार तिवारी ने किया. संघ के कर्मियों ने सपहा स्थित लोटस मैदान से रोषपूर्ण प्रदर्शन कर अनुमंडल कार्यालय पहुंचे. यहां जिले के सभी प्रखंड से करीब 250 मनरेगा कर्मचारी समेत […]

मधुपुर: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ, देवघर के तत्वावधान में मधुपुर इकाई के नेतृत्व में अनुमंडल कार्यालय का घेराव किया गया. कार्यक्रम का नेतृत्व पुनित कुमार तिवारी ने किया. संघ के कर्मियों ने सपहा स्थित लोटस मैदान से रोषपूर्ण प्रदर्शन कर अनुमंडल कार्यालय पहुंचे. यहां जिले के सभी प्रखंड से करीब 250 मनरेगा कर्मचारी समेत अनुबंध कर्मी शामिल हुए.

बोलोराम टुडू ने कहा कि दिलीप मरांडी व सैयद इकबाल को बिना वजह बरखास्त किया गया है. दोनों की बरखास्तगी अविलंब निरस्त करते हुए पुन: वापसी किया जाये. आदिवासी और अल्पसंख्यक पर गलत मानसिकता रख कर उसे समाज की मुख्य धारा से अलग रखने की साजिश रची जा रही है. वर्तमान में इंस्पेक्टर राज कायम है. इसलिए बिना पक्ष लिए हमारे दोनों साथियों को बरखास्त कर दिया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

करौं प्रखंड के उपाध्यक्ष सुरेश किस्कू ने कहा कि अभी भी हमें हेय दृष्टि से देख कर सरकारी कार्यक्रमों में भेदभाव किया जाता है. वर्तमान में सभी अनुबंध कर्मियों के साथ गुलाम जैसा व्यवहार किया जाता है. उन्होंने कहा कि बर्खास्त रोजगार सेवकों ने अपने पंचायत में 80 प्रतिशत कार्य किया है. इसके बाद भी प्रतिशोध की भावना से बरखास्गी होना दुर्भाग्यपूर्ण है. कार्यक्रम के उपरांत राज्यपाल के नाम एसडीओ को ज्ञापन सौंपा गया. मौके पर गणेश महरा, कुमार गौतम, जितेंद्र झा, विजय तिवारी, नीरज कुमार आदि थे.
वरीय उपाध्यक्ष ने कहा
वरीय उपाध्यक्ष हृदय नारायण सिंह ने कहा कि अल्प मानदेय भोगी मनरेगा कर्मचारी को बिना पक्ष जाने बरखास्त करना अनुचित है. जिला सचिव राजेश दास ने कहा कि जितनी तत्परता से बरखास्तगी किया गया है. उतनी सक्रियता से अल्प मानदेय व यात्रा भत्ता व जमीनी परेशानियों को समझती तो आज इतना रोष नहीं होता.
महासचिव ने कहा
संघ के महासचिव सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध, धरना प्रदर्शन एवं सांगठनिक गतिविधियों को सरकार सकारात्मक दृष्टिकोण से देखे. कहा कि हकीकत जाने बिना उच्च अधिकारी कर्मचारियों पर दबाव बनाते हैं, जो अनुचित है. चुनाव हो या श्रावणी मेला कर्मियों ने सरकार का सहयोग दिया है. बरखास्त रोजगार सेवकों की वापसी अविलंब करें.

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