अगर उन दुकानदारों में से कोई हिम्मत जुटाकर पुलिस को शिकायत करता भी हैं तो बाद में उन्हें दबाव में समझौता भी करना पड़ता है.
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श्रावणी मेले में सजती है अस्थायी दुकानें, दबंग करते हैं अवैध वसूली, मेला क्षेत्र में गज के हिसाब से किराये पर जमीन
देवघर : सावन का महीना देवघर में रोजी-रोजगार का एक बड़ा साधन बनकर आता है. श्रावणी मेले में मानसिंघी से लेकर शिवगंगा के आसपास व लक्ष्मीपुर चौक तक अस्थायी दुकानें सजती हैं. दुकानदारों में से कुछ जो किराये की दुकान लेकर मेला में लगाते हैं. वहीं कुछ दुकानें फूटपाथ पर सड़क किनारे लगती है. ऐसे […]
देवघर : सावन का महीना देवघर में रोजी-रोजगार का एक बड़ा साधन बनकर आता है. श्रावणी मेले में मानसिंघी से लेकर शिवगंगा के आसपास व लक्ष्मीपुर चौक तक अस्थायी दुकानें सजती हैं. दुकानदारों में से कुछ जो किराये की दुकान लेकर मेला में लगाते हैं. वहीं कुछ दुकानें फूटपाथ पर सड़क किनारे लगती है. ऐसे दुकानों से इलाके के दबंग रोजाना रात में अवैध वसूली करने पहुंचते हैं.
नाम नहीं बताने की शर्त पर कुछ दुकानदारों ने बताया कि उनसे प्रतिदिन सौ रुपये गज के हिसाब से वसूला जाता है. लेकिन दुकानदार खुलकर इस मामले में बोलने से परहेज करते हैं क्योंकि यह उनकी रोजी-रोटी से जुड़ा मामला है.
रंगदारी के तौर होती है वसूली: इन अस्थायी दुकानदारों से दबंग लोग रंगदारी के तौर पर जबरन वसूली करते हैं. पैसे नहीं देने पर दबंग ऐसे दुकानदारों के साथ मारपीट भी कर देते हैं. यह सिलसिला कई वर्षों से चल रहा है. लगातार हर साल दुकानदारों के मामले में नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज होती रही है. बावजूद बाहर से आने वाले अस्थायी दुकानदारों से रंगदारी वसूली का सिलसिला बंद नहीं हो सका है. डर के मारे अस्थायी दुकानदार विरोध की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं.
अगर उन दुकानदारों में से कोई हिम्मत जुटाकर पुलिस को शिकायत करता भी हैं तो बाद में उन्हें दबाव में समझौता भी करना पड़ता है.
वर्ष 2011 में भी फूटपाथ के दुकानदारों से अवैध वसूली मामले में नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. उक्त प्राथमिकी पुलिस पदाधिकारी के बयान पर दर्ज हुआ था. आरोपित पकड़े भी गये थे और जेल भेजने तक की कार्रवाई पुलिस द्वारा की गयी थी.
अस्थायी दुकानदारों से रंगदारी वसूली में हो चुकी है प्राथमिकी
शिवगंगा के आसपास फूटपाथ पर लगे बाहरी दुकानदारों से श्रावणी मेला में अवैध उगाही मामले में मजिस्ट्रेट गोपाल प्रसाद मरीक ने 17 जुलाई 2017 को नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. मामले में बिलासी टाउन बैद्यनाथ टॉकीज के समीप निवासी शशि मिश्रा व अज्ञात दो को आरोपित बनाया गया है. शशि को तो खदेड़ने के क्रम में पुलिस बलों की मदद से दबोचा गया था. प्राथमिकी में जिक्र है कि मजिस्ट्रेट मरीक शिवगंगा के पूर्वी घाट पर पुलिस बलों के साथ ड्यूटी कर रहे थे. उसी दौरान बिहार अंतर्गत बक्सर जिले के चौसा निवासी दुकानदार रामनारायण सिंह, मधुबनी जिले खिरहर निवासी विनीता देवी व अन्य दुकानदारों से अवैध वसूली हो रही थी, जिसकी सूचना जमुई जिले के मलयपुर कठवना निवासी रामचंद्र केसरी ने दी. केसरी की सूचना पर मजिस्ट्रेट व पुलिस ने खदेड़ कर शशि को दबोच लिया. जबकि अन्य दो अज्ञात व्यक्ति भाग गये. प्राथमिकी में आरोप है कि तीनों आरोपित मारपीट का भय दिखाकर बाहर से आये दुकानदारों से रंगदारी वसूल रहे थे. पकड़े जाने पर शशि मिश्रा द्वारा मजिस्ट्रेट व पुलिस बलों को पेट्रोल छिड़क कर जान मारने की धमकी दी गयी थी. इस संबंध में नगर थाना कांड संख्या 451/17 भादवि की धारा 384, 387, 386, 504, 506, 34 के तहत मामला दर्ज है.
पुलिस को भी कुछ नहीं समझते दबंग
शिवगंगा के आसपास ड्यूटी करने वाले पुलिस को भी उक्त दबंग कुछ नहीं समझते. पुलिस से भी उलझने में वे लोग परहेज नहीं करते हैं. ऐसा मामला कई बार सामने आया है. पिछले कुछ वर्षों में भी श्रावणी मेला में लगने वाले दुकानदारों से वसूली करने वाले आरोपित व पुलिस के बीच झंझट हो चुकी है. ऐसी बातें प्राथमिकी में भी सामने आयी है. इस साल भी दुकानदारों से रंगदारी करने वाले को मजिस्ट्रेट व पुलिस ने खदेड़ा था तो पकड़े गये आरोपित ने पुलिस को जान मारने की धमकी दी थी.
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