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जामा में गिरा घर, तीन लोगों की मौत, महेशपुर में 5.58 करोड़ का पुल ध्वस्त

बारिश थमी पर संताल परगना में पांचवें दिन भी नुकसान, जान-माल की क्षति जामा/महेशपुर/देवघर : संताल परगना में लगातार पांच दिनों तक हुई बारिश से भारी नुकसान हुआ है. दुमका िजले के जामा में कच्चा मकान की दीवार गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी. वहीं पाकुड़ जिले के महेशपुर […]

बारिश थमी पर संताल परगना में पांचवें दिन भी नुकसान, जान-माल की क्षति
जामा/महेशपुर/देवघर : संताल परगना में लगातार पांच दिनों तक हुई बारिश से भारी नुकसान हुआ है. दुमका िजले के जामा में कच्चा मकान की दीवार गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी. वहीं पाकुड़ जिले के महेशपुर में चार साल पहले बना पांच करोड़ 58 लाख का पुल ध्वस्त हो गया. वहीं देवघर जिले के विभिन्न प्रखंडों में 31 घर गिर गये.
मरनेवाले में दामाद, बेटी व सास हैं शामिल : जामा थाना क्षेत्र के भूटोकौड़िया पंचायत के अमझाड़ गांव में रविवार की रात मिट्टी की दीवार गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की जान ले ली. मृतकों में मां-बेटी व दामाद शामिल हैं.
मृतकों में लुखु मरांडी (30), उसकी पत्नी लुखी मुर्मू (28) व लुखु की सास आमडर हेंब्रम (60) शामिल हैं. मिली जानकारी के अनुसार, सास आमडर हेंब्रम उसी गांव की है. खाना खाकर रात में बेटी के घर आकर ही सोती थी. तीनों खपरैल छत वाले मिट्टी के मकान के बरामदे में सोये थे. दीवार अचानक दो ओर से गिर गयी. तीनों की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी.
चार साल में ही ढह गया पुल : पाकुड़ जिले के महेशपुर प्रखंड के घाटचोरा व चंडालमारा के बीच बांसलोई नदी पर बना पुल सोमवार की सुबह ढह गया.
यह पुल करीब 5 करोड़ 58 लाख रुपये की लागत से वर्ष 2014-15 में विशेष प्रमंडल द्वारा बनाया गया था. पुल के ढहने पर डीसी कुलदीप चौधरी ने चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है. टीम में डीडीसी के अलावा अपर समाहर्ता जयकिशोर प्रसाद, एसडीओ प्रभात कुमार, आरईओ के कार्यपालक अभियंता सनथ सोरेन शामिल हैं.
बताया जाता है कि सोमवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे पुल का एक पीलर और एक स्लैब पानी के तेज बहाव के कारण ढह गया. पुल ढहने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ पुल के दोनों किनारे जमा हो गयी. पुल के ढहने की जानकारी मिलते ही एसडीपीओ शशि प्रकाश, बीडीओ उमेश मंडल घटना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने बांस से रास्ते की बैरिकेटिंग करवायी ताकि किसी तरह की घटना न हो.
2015 में बनकर तैयार हुआ था पुल : प्राप्त जानकारी के अनुसार, घाटचोरा व चंडालमारा गांव के बीच बांसलोई नदी पर बने पुल के लिए प्रशासनिक स्वीकृति वित्त वर्ष 2012-13 में दी गयी थी. पुल का निर्माण रांची का संवेदक जमाल कंस्ट्रक्शन ने कराया था. 2015 में बना यह पुल साल साल में ही ढह गया. दो दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण बांसलोई नदी उफान पर थी. तेज बहाव के कारण ही पुल क्षतिग्रस्त हो गया.
पुल के ढहने पर स्थानीय लोगों ने पुल के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाया. वहीं स्थानीय विधायक स्टीफन मरांडी, पूर्व विधायक सुफल मरांडी व मिस्त्री सोरेन ने भी पुल के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए संवेदक व विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं इस दौरान विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार से कई बार फोन पर संपर्क साधने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.
20 हजार की आबादी प्रभावित
घाटचोरा-चंडालमारा गांव के बीच बांसलोई नदी पर बने पुल के ढह जाने से पुल के दोनों किनारे बसे चंडालमारा, लौगांव, आसनाडंगाल, पोखरिया, गायबथान, खरियोपाड़ा, अमलादही, घाटचोरा, रोलाग्राम आदि गांवों के लगभग 20 हजार की आबादी प्रभावित हैं.
इन गांवों के ग्रामीणों को प्रखंड मुख्यालय, शहरग्राम, पोखरिया, पाकुड़ आदि जाने के लिए अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी. सबसे अधिक प्रभाव चंडालमारा सहित वैसे गांव जो नदी के दूसरे किनारे बसे हैं और खेती विशेषकर सब्जी उत्पादन का कार्य करते हैं उन्हें महेशपुर बाजार आने में अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी. इतना ही नहीं अमड़ापाड़ा या दुमका जाने के लिए भी इन गांवों के लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ेगी.

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