रांची/चतरा : धनबाद, कोडरमा, देवघर, रांची के बाद अब चतरा में बड़े पैमाने पर फरजी शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सामने आया है. चतरा में गैर पारा शिक्षक के लिए आरक्षित पदों के विरुद्ध पारा शिक्षकों की नियुक्ति की गयी थी. प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नवनियुक्त ऐसे 105 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गयी है.
उपायुक्त संदीप सिंह के निर्देश पर डीएसइ दुर्योधन महतो ने उक्त कार्रवाई की. 15 अप्रैल 2017 को जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक में जांच प्रतिवेदन पर विचार किया गया. इसमें 103 शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया, जबकि दो शिक्षकों का टेट प्रमाण पत्र जाली पाये जाने के पूर्व में ही सेवामुक्त कर दिया गया था. सरकार के सचिव, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग झारखंड (रांची) के पत्रांक के अनुसार, जांच में उक्त 105 अभ्यर्थियों ने पारा शिक्षक के रूप में कार्यरत रहते हुए गैर पारा कोटि में आवेदन किया था. उन्होंने आवेदन देते समय अपनी स्थिति कार्यरत पारा शिक्षक के रूप में नहीं दिखायी थी.
शिक्षा सचिव ने दिया था जांच का आदेश
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने सभी जिलों में नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया की जांच करने का आदेश दिया था. जांच के क्रम में फरजी तरीके से बहाल धनबाद में 145 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गयी. वहीं रांची में 41 शिक्षकों की नियुक्ति निर्धारित मापदंडों की अनदेखी कर की गयी. इन पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है. वहीं कोडरमा व देवघर में भी कई शिक्षकों की सेवा समाप्त की गयी है.