दीनबंधु
चतरा : लावालौंग प्रखंड के कई गांव सोलर लाइट की रोशनी से जगमग हो रहे हैं़ बिजली से नाउम्मीद हो चुके लोगों ने सोलर को ही रोशनी का माध्यम बनाया है़ ग्रामीण टीवी का आनंद भी उठा रहे हैं. बच्चे भी इसकी रोशनी में पढ़ाई-लिखाई कर रहे हैं. लोगों का यह सपना झारखंड क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ने साकार किया है़
प्रखंड के लावालौंग, महुआडीह, सिलदाग, पारामातू, टूनगुन, मंधनिया गांव के कई घर शाम ढलते ही रोशनी में जगमग हो उठते है़ं प्रखंड में करीब पांच हजार से अधिक मोबाइल सेट सौर ऊर्जा से ही चार्ज होता है. ज्ञात हो कि प्रखंड का अधिकांश हिस्सा वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र होने के कारण विद्युतीकरण कार्य पर वन विभाग द्वारा रोक लगा दी गयी है़ ऐसे में प्रखंडवासियों के लिए सोलर लाइट ही एक मात्र विकल्प है.
आर्थिक बचत भी हो रही है : महुआडीह के जगन्नाथ ठाकुर ने बताया कि पहले केरोसिन व गैस जला कर घर से अंधेरा दूर करते थ़े इस पर हर माह चार-पांच सौ रुपये खर्च होता था़ सोलर लाइट से पैसे की बचत हो रही है़ दरोगी गंझू ने कहा कि बच्चों को पढ़ाई करने में अब दिक्कत नहीं हो रही है़ देवेंद्र ठाकुर ने बताया कि जंगली क्षेत्र होने के कारण हमेशा सांप- बिच्छू का भय बना रहता था़ उन्होंने बताया कि बैंक से 25 हजार रुपये लोन लेकर सोलर लाइट लेकर घर को जगमगा रहे हैं.