Advertisement
पर्यटक स्थल तैयार, अब लोगों का इंतजार
सज-धज के तैयार है जिले के पर्यटक स्थल. अब बस इंतजार है सैलानियों का. कहीं कहीं सैलानी आना भी शुरू कर दिये है. चतरा जिले के कई पिकनिक स्पॉट प्राकृतिक गोद में बसे हैं. कई खूबसूरत पर्वत, मनोहारी जलप्रपात, समृद्धि हरियाली, बहुरंगी संस्कृति पर्यटकों को यादगार बना देती है. पहली जनवरी को सभी पिकनिक स्पॉट […]
सज-धज के तैयार है जिले के पर्यटक स्थल. अब बस इंतजार है सैलानियों का. कहीं कहीं सैलानी आना भी शुरू कर दिये है. चतरा जिले के कई पिकनिक स्पॉट प्राकृतिक गोद में बसे हैं. कई खूबसूरत पर्वत, मनोहारी जलप्रपात, समृद्धि हरियाली, बहुरंगी संस्कृति पर्यटकों को यादगार बना देती है. पहली जनवरी को सभी पिकनिक स्पॉट पर्यटकों से गुलजार रहता है. दूर-दूर से लोग यहां पिकनिक मनाते पहुंचते हैं.
दीनबंधु
चतरा : कौलेश्वरी पहाड़: चतरा से 40 किमी दूरी पर उत्तर दिशा में कौलेश्वरी पहाड़ स्थित है. इस पहाड़की उंचाई जमीन से लगभग 1300 फीट है. पहाड़ के उपर मां कौलेश्वरी, पारसनाथ दिगंबर मंदिर स्थित है. इसके अलावा बुद्ध की प्रतिमा भी है. 1500 फीट ऊंचाई पर आकाश लोचन है.
यहां के चारों ओर का दृश्य देखने में काफी मनमोहक है. मां भद्रकाली मंदिर: मां भद्रकाली की महिमा अपरंपार है. माता की महिमा देश-विदेशों में भी फैली है. भद्रकाली की प्रतिमा भू-गर्भ से स्वत निकली है. कमल पुष्प पर स्थापित प्रतिमा की लंबाई पांच फीट है. यह ब्लैक स्टोन धातु से बनी है. यह इटखोरी प्रखंड मुख्यालय से एक किमी दूरी पर स्थित है. यहां सालों भर लोग माता का दर्शन करने पहुंचते हैं.
बलबल दुवारी गर्मकुंड: गिद्धौर-कटकमसांडी स्थित मार्ग पर 35 किमी दूरी पर स्थित है बलबल दुवारी गर्मकुंड. यह एक सुंदर पर्यटन स्थल है. दुवारी के पास बलबल नदी के किनारे एक गर्म पानी का कुंड है. यहां चर्म रोग से छुटकारा पाने के लिए लोग आते हैं. इस स्थल पर दूर-दूर से लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. यहां मां बागेश्वरी का मंदिर भी है.
तमासीन जलप्रपात: चतरा से 25 किमी उत्तर पूर्व में तुलबुल पंचायत में तमासीन जलप्रपात है. यहां कई पहाड़ों से कलकल करती झरना देखने लायक है. यहां खुले आकाश के नीचे झरना में स्नान का आनंद लिया जा सकता है. यहां जाने के लिए इटखोरी मार्ग के ऊंटा मोड़ से भाया, कान्हाचट्टी से होकर जाया जा सकता है. यहां काफी संख्या में पर्यटक पिकनिक मनाने पहुंचते हैं.
खैवा बंदारू जलप्रपात: लावालौंग प्रखंड के कटिया पंचायत में स्थित है खैवा बंदारू जलप्रपात. जिला मुख्यालय से आठ किमी दक्षिणी-पश्चिम में यह स्थल स्थित है. यहां नदियों व झरनों की कलकल निनाद के मंत्रमुग्ध होकर सुना जा सकता है. प्राकृतिक प्रेमी यहां शेरों की गुफा में विश्राम करते व जंगलों में छलांग देखते हैं. कलात्मक व मनोहर दृश्य देखते ही बनता है. यहां कबूतरों की फड़फड़ाहट, सुरीली आवाज लोगों को खूब भांति है.
भवानी मठ: सिमरिया प्रखंड में जबड़ा पंचायत में भवानी मठ स्थित है. प्रखंड मुख्यालय से भाया जबड़ा होकर यहां पहुंचा जा सकता है. पहाड़ में स्थित एक पत्थर से हमेशा पानी निकलता रहता है. यहां अष्टभुजी मां भवानी का प्रतिमा स्थित है. यहां चतरा, लातेहार, हजारीबाग से लोग पिकनिक मनाने आते हैं. अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इस पहाड़ में कुछ दिनों के लिए ठहरे थे.
वासुदेव मठ: पत्थलगड्डा प्रखंड के नावाडीह डमौल में यह स्थल स्थित है. बुध नदी के किनारे स्थित वासुदेव मठ में भगवान वासुदेव का प्रतिमा है. यहां कलकल करती नदी की धार लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है.
चुंदरू धाम: जिला मुख्यालय से 47 किमी दूर टंडवा प्रखंड में स्थित है चुंदरू सूर्य मंदिर. इसकी ख्याति आज दूर-दूर तक फैली है. यह स्थल धार्मिक और प्राकृतिक छटाओं का ऐसा संगम है, जो सैलानियों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है.
लावालौंग वन्य प्राणी आश्रयणी: यह क्षेत्र 207 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां हिरनों की झुंड, मोर का नृत्य, शेरों की दहाड़ व पक्षियों का कलरव करते एक साथ देखा जा सकता है. जंगली जानवर हर जगह मौज-मस्ती करते नजर आते हैं. इस क्षेत्र में कई ऐसे स्थल है, जहां लोग पिकनिक मनाने पहुंचते है.
हेरू डैम: फर्स्ट जनवरी को हेरू डैम के आसपास बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. दिनभर यह स्थल गुलजार रहते हैं. यहां पहुंचने वाले लोग मौज मस्ती करते नजर आते हैं. यह जिला मुख्यालय से सटे होने के कारण काफी संख्या में शहर के लोग पिकनिक का आनंद उठाते हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement