नक्सली और उग्रवादी संगठनों के की ओर से संस्थाओं व ग्रामीणों से संपर्क कर नोट बदलने के लिए बनाया जा रहा है दबाव
रांची : 500 व 1000 का नोट का चलन बंद होने के बाद प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के नक्सली लेवी के रूप में वसूले गये करोड़ों रुपये बदलवाने की फिराक में हैं. इसके लिए नक्सल प्रभावित इलाकों की वैसी संस्थाएं, जिनके यहां कैश का ट्रांजेक्शन होता है, उन पर दवाब बनाया जा रहा है. खबर है कि जैनियाें के प्रसिद्ध तीर्थस्थल गिरिडीह के पारसनाथ में सक्रिय संस्थाओं से भी नक्सलियों ने संपर्क किया है.
नक्सलियों ने उनसे कहा है कि वह अपने बैंक एकाउंट के जरिये संगठन का भी नोट बदलवा दें. हालांकि इस खबर की पुष्टि अभी तक न तो किसी संस्था ने की है और न ही पुलिस ने. सूत्रों ने बताया कि पारसनाथ में काम कर रही कई संस्थाओं पर माओवादियों का दबाव है. इस बीच खुफिया विभाग से जुड़े अफसरों का कहना है कि नक्सली और उग्रवादी संगठनों के द्वारा ऐसी सभी संस्थाओं व ग्रामीणों से संपर्क कर नोट बदलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जिनके यहां रुपये का आय-व्यय होता है. पुलिस इन गतिविधियों पर नजर रख रही है. लातेहार से खबर है कि ग्रामीण इलाकों के लोगों को नक्सली रुपये देकर एकाउंट में जमा करने के लिए धमकी दे रहे हैं.