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लाह की खेती कर समृद्ध बनें किसान
चतरा : वन विभाग की ओर से चतरा व सिमरिया वन प्रांगण में शुक्रवार को किसानों को लाह उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया़ छत्तीसगढ़ से आये प्रशिक्षक ए भट्टाचार्या ने किसानों को लाह उत्पादन, दवा का छिड़काव व उसका संरक्षण करने की जानकारी दी़ उन्होंने किसानों को लाह उत्पादन कर आत्मनिर्भर व समृद्ध बनने के […]
चतरा : वन विभाग की ओर से चतरा व सिमरिया वन प्रांगण में शुक्रवार को किसानों को लाह उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया़ छत्तीसगढ़ से आये प्रशिक्षक ए भट्टाचार्या ने किसानों को लाह उत्पादन, दवा का छिड़काव व उसका संरक्षण करने की जानकारी दी़ उन्होंने किसानों को लाह उत्पादन कर आत्मनिर्भर व समृद्ध बनने के लिए प्रेरित किया़ इस मौके पर चतरा के अलावा लावालौंग, सिमरिया, टंडवा, चौपारण व इटखोरी के किसान मौजूद थे़ मौके पर डीएफओ मधुकर, वन क्षेत्र पदाधिकारी कैलाश सिंह व पवन सिंह मौजूद थे़
50 से अधिक किसानों को मिला प्रशिक्षण : सिमरिया. प्रखंड के वन विभाग कार्यालय परिसर में शुक्रवार को लाह की खेती काे लेकर प्रशिक्षण दिया गया़ किसानों को लाह की खेती करने के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी़ वन रोपण के रेंजर पवन कुमार सिंह, वन बचाओ के रेंजर राजेश चंद्रगोप व प्रशिक्षक अजय महाचार्य ने किसानों को बताया कि लाह की खेती में विश्व में भारत प्रथम स्थान रखता है़ इसकी खेती कर किसान समृद्ध हो सकते हैं.
लाह की खेती दो प्रकार से होती है़ रगनी और कुसकी़ यह फसल चार से आठ माह में तैयार हो जाती है़ इससे लाह के साथ-साथ मोम व रंग भी उपलब्ध होता है़ प्रशिक्षण में 50 से अधिक किसान शामिल हुए़ मौके पर लाह विशेषज्ञ गोपाल गुप्ता, बगरा मुखिया सरोज गंझू, मृणालिनी देवी आदि थे़
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