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सस्ते दरों में धान बेचने को मजबूर हैं किसान
धान की खरीदारी शुरू नहीं होने से किसानों को हो रहा है नुकसान चतरा : जिले में धान की खरीदारी शुरू नहीं होने से किसान बिचौलियों के हाथों औने-पौने दाम में धान की बिक्री करने को मजबूर है. इससे उनको काफी नुकसान हो रहा है़ सरकारी धान क्रय केंद्र नहीं खोले जाने से आर्थिक नुकसान […]
धान की खरीदारी शुरू नहीं होने से किसानों को हो रहा है नुकसान
चतरा : जिले में धान की खरीदारी शुरू नहीं होने से किसान बिचौलियों के हाथों औने-पौने दाम में धान की बिक्री करने को मजबूर है. इससे उनको काफी नुकसान हो रहा है़ सरकारी धान क्रय केंद्र नहीं खोले जाने से आर्थिक नुकसान हो रहा है़
सहकारिता विभाग द्वारा प्रत्येक प्रखंड में एक-एक धान केंद्र खोले जाने की स्वीकृति मिली है़ लेकिन अभी तक धान की खरीदारी शुरू नहीं हुई है़ विभाग द्वारा राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है़ किसानों ने उपायुक्त से प्रखंडों में धान क्रय केंद्र की संख्या बढ़ाकर अविलंब धान की खरीदारी शुरू कराने की मांग की है़ मालूम हो कि प्रखंड के सिमरिया, पत्थलगड्डा, गिद्धौर, टंडवा, हंटरगंज, प्रतापपुर, मयूरहंड, कान्हाचट्टी, इटखोरी, चतरा आदि प्रखंडों में किसान सबसे अधिक धान का उत्पादन करते है. सरकार द्वारा 14 सौ दस रुपये प्रति क्विंटल के दर से धान की खरीदारी करने का दर निर्धारित की है़ 11 सौ रुपये प्रति क्विंटल धान बिकने से किसानों को 310 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है़
एआर ने कहा: जिला सहायक निबंधन पदाधिकारी माधुरी पुष्प वेग ने कहा कि जिले में धान का क्रय केंद्र बढ़ाने का प्रस्ताव सहकारिता विभाग को भेजा गया है़ साथ ही धान खरीदारी के लिए राशि की भी मांग की गयी है़ राशि उपलब्ध होते ही धान की खरीदारी शुरू की जायेगी़ मयूरहंड प्रखंड में धान का क्रय शुरू कर दिया गया है़
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