दीनबंधु : बरसात के दिनों में प्रतापपुर प्रखंड के छह पंचायत के 30 से अधिक गांव टापू बन जाता है. इससे 50 हजार आबादी प्रभावित है.नदी में हमेशा पानी भरा रहने के कारण आवागमन ठप हो जाता है. लोगों को काफी परेशानी होती है. करीब 22 किमी पैदल चल कर लोगों को प्रखंड मुख्यालय आना पड़ता है.
लोगों ने कई बार नदियों पर पुल बनाने की मांग की, लेकिन आज तक पुल नहीं बना. प्रसव के लिए ममता वाहन भी गांव तक नहीं पहुंच पाता है. गांव में ही प्रसव कराना विवशता है.
कौन–कौन नदी पर नहीं बना पुल
प्रखंड के सतबहनी, दुंदु, जिराबार, बरूराशरीफ नदी पर पुल नहीं बनने से लोगों को आने–जाने में काफी परेशानी होती है. नदी में हमेशा पानी भरा रहता है. पुरुष गमछा पहन कर नदी पार करते हैं, लेकिन महिलाओं को काफी परेशानी होती है. खास कर छोटे बच्चे व बीमार लोगों को प्रखंड मुख्यालय लाने के लिए सोचना पड़ता है.
कौन–कौन पंचायत हो रहा प्रभावित
प्रखंड के बभने, सिदकी, एघारा, हुमाजांग, बरूराशरीफ व डुमरवार पंचायत के लोग प्रभावित होते हैं. उक्त पंचायत के सभी लोग सरकारी योजना का भी लाभ नहीं ले पाते हैं. प्रखंड मुख्यालय दूर होने के कारण कम ही लोग प्रखंड कार्यालय आकर कार्य करा पाते हैं.
खोदा गया गड्ढा बनी मुसीबत
प्रतापपुर से डुमरवार 22 किमी सड़क निर्माण कार्य तेजी से प्रारंभ हो रहा है. इसके साथ–साथ पुल–पुलिया का निर्माण भी कराया जा रहा था. पुल–पुलिया के लिए सड़क में कई जगहों पर गड्ढा खोदा गया.
सड़क में कई जगह बोल्डर व मोरम गिरा कर छोड़ दिया गया है. सड़क का कार्य प्रारंभ होने के कुछ ही दिन बाद माओवादियों ने निर्माण पर रोक लगा दी. तब से कार्य बंद है. वाहनों के आने–जाने में भी परेशानी होती है.