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कल्याण विभाग में 9.33 करोड़ के घोटाले का खुलासा

चतरा : जिला कल्याण शाखा में नौ करोड़ 33 लाख रुपये का गबन करने के मामले सामने आया है. इसमें दो पूर्व डीडब्लूओ समेत 19 लोगों पर मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. राशि छात्रवृत्ति व भवन निर्माण की थी. दो साल की रिपोर्ट की जांच में इतनी रकम की गबन की बात […]

चतरा : जिला कल्याण शाखा में नौ करोड़ 33 लाख रुपये का गबन करने के मामले सामने आया है. इसमें दो पूर्व डीडब्लूओ समेत 19 लोगों पर मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. राशि छात्रवृत्ति व भवन निर्माण की थी. दो साल की रिपोर्ट की जांच में इतनी रकम की गबन की बात सामने आयी है. यह जानकारी उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में दी. साथ ही उन्होंने बताया कि कल्याण विभाग में घोटाले की जांच निगरानी से कराने की अनुशंसा की गयी है. जिला कल्याण शाखा का ऑडिट, उच्चस्तरीय जांच, दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई व प्रपत्र का गठित, निचले स्तर के कर्मचारियों को निलंबित व गड़बड़ी करने वाले बैंक के खिलाफ जोनल मैनेजर को पत्र लिखा गया है.

कल्याण विभाग…
बच्चों के नाम पर छात्रवृत्ति राशि की निकासी होती थी : डीसी ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि आशुतोष के हस्ताक्षर से साढ़े छह करोड़ और भोलानाथ लागुरी के हस्ताक्षर दो करोड़ 56 लाख राशि की अवैध रूप से निकासी की गयी. दोनों पदाधिकारी के रहते 12 बैंकों में पदनाम से खाता संधारण किया जाता था. तब से ही अनाधिकृत निकासी की प्रक्रिया शुरू हुई थी. छात्रवृत्ति की राशि बच्चों के नाम पर
निकासी दिखाकर पुन: बैंक के दूसरे खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता था. इसके बाद राशि की निकासी कर ली जाती थी. डीसी ने कहा कि विकास भवन में आगजनी की घटना के बाद 15 दिनों की जांच में 300 खातों के जरिये राशि गबन का मामला सामने आया है. डीसी ने कहा कि जिस स्कूल के नाम पर छात्रवृत्ति की राशि भेजी गयी, वह स्कूल भी फर्जी है. आगे भी जांच की प्रक्रिया जारी रहेगी. डीडीसी जिशान कमर के द्वारा खातों की जांच में अधिकांश खातों का केवाईसी नाजिर इंद्रदेव प्रसाद के परिवार के नाम से ही मिला है.
मास्टरमाइंड निकला नाजिर : उपायुक्त ने कहा कि सभी खातों की जांच के बाद यह बात सामने आयी है कि पैसों का अधिकांश लेन-देन नाजिर इंद्रदेव प्रसाद व उसके परिवार के द्वारा किया गया है. खाता का संचालनकर्ता नाजिर की पत्नी सुनीता देवी, पुत्री चंदा प्रसाद, तारा प्रसाद, पुत्र सूरज प्रसाद, पृथ्वी प्रसाद व एक अन्य व्यक्ति है. इन सभी के बैंक खातों में बड़े पैमाने पर सरकारी राशि का लेन-देन कर दोहन किया जाता रहा है. इनके अलावा प्रयास संस्था, केनवार्ड, चतरा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, अनन्या इंफोटेक, विराट टेलीकॉम भी सरकारी राशि गबन करने में शामिल हैं.
इनके खिलाफ मामला दर्ज : सदर थाना में पूर्व डीडब्लूओ आशुतोष कुमार, भोलानाथ लागुरी, नाजिर इंद्रदेव प्रसाद, प्रधान सहायक काशी प्रसाद गुप्ता, केनवार्ड के सिद्धार्थ कुमार, सनिता देवी, लक्ष्मी कुमारी, मनोज कुमार साव, राहुल प्रसाद साव, निर्मल प्रसाद मेहता, विकास प्रसाद, तुलसी प्रसाद, तारा बेला हेंब्रम, विलास राम, शांति बिरहोरिन व संगीता देवी, प्रयास एनजीओ के मुरली श्याम, अभय कुमार, सुजंती द्विवेदी, एबीबी सहाय, अनान्य के आशीष कुमार, विराट टेलीकॉम के टुनटुन मेहता, चतरा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मो. शहाबुद्दीन, जिंदल स्टील पावर के सूरज अग्रवाल, रूपा देवी, आशीष कुमार, मिथिलेश मिश्रा, सुनिता देवी, चंदा प्रसाद, तारा प्रसाद, पृथ्वी प्रसाद, सूरज प्रसाद, लक्ष्मी देवी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
विकास भवन में लगी आग का हो सकता खुलासा : डीसी ने कहा कि गबन व घोटाले को दबाने के लिए विकास भवन में आग लगाने जैसी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है. कल्याण शाखा सभी दस्तावेज जल जाने के बाद भी चेक बुक सुरक्षित बचा गया. यह भी आग लगाये जाने की ओर इशारा करता है. उच्चस्तरीय जांच के बाद मामला साफ हो जायेगा. अभी तक आयी जांच रिपोर्ट में आग शॉर्ट सर्किट से नहीं, बल्कि लगाये जाने का प्रतीत होता है. मौके डीआरडीए डायरेक्टर अनिल कुमार, डीडब्लूओ साधना जयपुरियार, एनडीसी राजेश कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे.
चतरा उपायुक्त ने घोटाले की जांच निगरानी से कराने की अनुशंसा की
दो पूर्व डीडब्लूओ समेत 19 लोगों पर मामला दर्ज करने का निर्देश
उपायुक्त ने कहा : जिस स्कूल के नाम पर छात्रवृत्ति राशि भेजी गयी, वह स्कूल भी फर्जी

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