ग्रामीणों ने किसी भी हाल में सीसीएल को वन भूमि का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं देने तथा सीसीएल खुलने से संबंधित वार्ता से इंकार किया. उनका कहना है कि आसपास संचालित अन्य परियोजना क्षेत्र में विकास की दुर्दशा देखते हुए यह निर्णय लिया है. कोई भी व्यक्ति बिना ग्रामीणों के सहमति के अगर सीसीएल प्रबंधन से वार्ता करता है, तो उसे ग्रामसभा के माध्यम से दंडित किया जायेगा. वहीं सराढू होकर ट्रकों के आवागमन पर भी रोक लगाने का प्रस्ताव लाया गया. ग्रामीण नवीन सिंह ने कहा कि गांव के कुछ लोगों द्वारा सीसीएल के साथ गुपचुप तरीके से वार्ता की है. वहीं राजेश सिंह ने कहा कि सीसीएल फूट डालो शासन करो की नीति अपना रही है.
ग्रामीणों ने पारित प्रस्तावों को उपायुक्त व सीसीएल प्रबंधन को सौंपने का निर्णय लिया. मौके पर मेघनाथ यादव, सुनील सिंह, कामेश्वर यादव, हीरा सिंह, विजय सिंह,वाहिद मियां,महेंद्र महतो, मुकेश महतो,सुरेश राणा,राममणी सिंह, शंकर सिंह, सुबोध सिंह,जयनंदन सिंह, किटू सिंह,प्रकाश, सुरेश साव, मंगल यादव, राजेंद्र, राहत अली समेत कई उपस्थित थे.