बोकारो.
साहब मेरी तबियत खराब है. चुनाव ड्यूटी नहीं हो पायेगी. मेडिकल सर्टिफिकेट दे दीजिए न. कुछ तो बात को समझिये. ज्यादा दिन ड्यूटी नहीं है. कुछ हो जायेगा, तो मेरा पूरा परिवार परेशानी में पड़ जायेगा. मेरा एक्स-रे देख लिजिए. दूसरे डॉक्टर का दिखाया हुआ रिपोर्ट देख लीजिये. छह माह पहले से तबीयत खराब है…. आदि-आदि. रोजाना इस तरह के वाक्या से सदर उपाधीक्षक को रूबरू होना पड़ रहा है. हर कोई चुनाव ड्यूटी से अलग रहने की जुगत लगाने सदर अस्पताल आवेदन लेकर दर्जनों लोग रोजाना पहुंच रहे हैं. सदर उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार के सख्त रवैया के कारण सबकी कोशिश नाकाम हो रही है. स्वास्थ्य विभाग को मेडिकल अवकाश को लेकर तीन सौ से अधिक आवेदन मिला है. सख्ती से जांच के बाद 45 आवेदन करनेवाले आवेदक ही अब तक बीमार अवस्था में मिले, जो विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं. चुनाव ड्यूटी के लायक नहीं हैं. उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेडिकल अनफिट प्रमाण पत्र जारी किया गया है. बाकी अन्य को स्वास्थ्य विभाग ने चुनाव ड्यूटी के लिए फिट घोषित कर दिया गया है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि चुनाव ड्यूटी से अलग रहने के लिए कई तरह के बहाने लेकर लोग पहुंच रहे हैं. जांच करने पर कई लोग बिल्कुल फिट मिल रहे हैं. अनफिट स्थिति वालों को अनफिट मेडिकल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. किसी तरह की पैरवी नहीं सुनी जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है