बोकारो: कैंप दो सदर अस्पताल में मरीजों को दाखिल तो कर लिया जा रहा है. इसके बाद उसका ध्यान नहीं रखा जा रहा है. इतना ही नहीं मरीजों के साथ बदसलूकी भी होती है. बुधवार की रात अस्पताल में मौजूद चिकित्सक और कर्मियों की संवेदनहीनता का मामला सामने आया. आधी रात को प्रसव के लिए चंदनकियारी से आयी एक महिला को अस्पताल से भगा दिया गया. रात को ड्यूटी पर डॉ महेंद्र थे. भरती मरीजों के अनुसार प्रसव के लिए आयी महिला का बीपी भी बढ़ा हुआ था और वह एनिमिक थी. बावजूद इसके उसका इलाज नहीं किया गया.
इस संबंध में प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने मरीजों से बात कर पूरे मामले की जानकारी हासिल की और सीएस एस मुर्मू को अवगत कराया. अस्पताल में मौजूद नर्स का अपना तर्क था कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महिला को दूसरे जगह जाने की सलाह दी गयी थी. वहीं अस्पताल में बालीडीह से आयी इलाजरत महिला के परिजन सत्येंद्र कुमार ने अपनी व्यथा बतायी. बताया : बालीडीह से ममता वाहन कॉल सेंटर में लगातार कॉल किया. यह कह कर फोन बंद कर दिया गया कि ममता वाहन नहीं भेज सकते हैं.
अपने ही किराया करके आना होगा. फिर रात को 500 रुपया किराया देकर बालीडीह से अस्पताल आना पड़ा. इधर, शाम को जिला परिषद अध्यक्ष सुषमा देवी ने भी अस्पताल का निरीक्षण किया. गंदगी देख भड़की. हिदायत दी. गुरुवार को अस्पताल में कुल इलाजरत 21 मरीज मिले. इसमें से आठ सामान्य बीमारी के इलाज के लिए भरती थे, जबकि 13 महिला (कुछ को प्रसव कराया गया था, कुछ इंतजार में थी) मरीज भरती थी. इलाजरत मरीजों के परिजनों ने बताया : अस्पताल में भरती करने के बाद यहां देखने का वाला कोई नहीं है. साफ सफाई की बात तो दूर रात को स्लाइन चढ़ रहा है या नहीं. यह भी देखने वाला कोई नहीं है. बार-बार बुलाने पर नर्स की डांट खानी पड़ती है. अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. मरीज वार्ड के पास दुर्गंध इस कदर फैली हुई है कि इलाजरत मरीजों को परेशानी हो रही है. गुरुवार को ओपीडी में एक पुरुष चिकित्सक डॉ ज्योति लाल व एक महिला चिकित्सक डॉ निरोज जोजो दिखायी पड़ी. अस्पताल के ओपीडी में महिला व पुरुष मरीजों की भीड़ लगी हुई थी.
क्या कहते है अस्पताल में भरती मरीज के परिजन
अस्पताल में दाखिल मरीजों के साथ रात में अच्छा सलूक नहीं किया जाता है. कोई उनकी सुनता नहीं है. काफी कहने के बाद मरीज को देखने आते हैं.
सत्येंद्र कुमार, बालीडीह
मरीज को स्लाइन चढ़े या किसी तरह की कोई दिक्कत हो. चिकित्सक को बुलाने के लिए नर्स को कहने पर बिफर जाती है. आसपास दुर्गंध भी काफी है.
विपिन कुमार, चास
अस्पताल को कचरा का ढेर बना दिया गया है. पिछले तीन दिनों से अस्पताल में वार्ड के समीप ही एक शव पड़ा हुआ था. हो हल्ला करने पर हटाया गया.
जितेंद्र कुमार, फुसरो
बहुत दूर से आयी हूं. चिकित्सक से दिखा लिया है. जांच कराने के नाम पर टहलाया जा रहा है. वोल्टेज की समस्या बता कर एक्स-रे नही किया जा रहा है.
आयशा खातून, चंदाहा
मेरी तबीयत खराब है. चंदाहा से अस्पताल आया हूं. चिकित्सक ने जांच कर लिया है. कई दिनों से एक्स-रे कराने के लिए चक्कर लगा रहा हूं. कोई नहीं सुनता.
सिराजुद्दिन, चंदाहा
प्रभात खबर की पहल पर हुआ यक्ष्मा मरीज का इलाज
सदर अस्पताल में एक यक्ष्मा के परेशान मरीज को घूमते देखा गया. चंदनकियारी के रहने वाले नि:शक्त नारायण को उसकी दादी व्हील चेयर पर लेकर इधर-उधर भटक रही थी. उसकी दादी ने बताया कि बच्चा यक्ष्मा से पीड़ित है. उनकी कोई नहीं सुन रहा है. सब इधर-उधर टहला रहे हैं. कोई इलाज भी नहीं कर रहा है. प्रभात खबर द्वारा सीएस को सूचना देने पर तुरंत यक्ष्मा विभाग सक्रिय हुआ. मरीज की खोज खबर लेकर इलाज शुरू किया गया.
प्रसव के लिए आयी महिला को भगाना बेहद गंभीर मामला है. वैसे भी गर्भवती का बीपी बढ़ जाता है. एमिनिया स्वाभाविक है. मामले में दोषी पर त्वरित कार्रवाई होगी. ममता वाहन कॉल सेंटर ही सुविधा के लिए दी गयी है. ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी को शो-कॉज किया गया है. जरूरत पड़ी, तो शिकायत वरीय अधिकारी से बात कर ममता कॉल सेंटर में पदस्थापित कर्मचारी को हटाया जायेगा. वेतन बंद करने की चिट्ठी निकाली जा रही है.
डॉ एस मुर्मू, सिविल सर्जन, बोकारो