जीवन अनमोल है इसे बरबाद ना करें
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असफलता से हतोत्साहित हो न उठायें आत्मघाती कदम प्रभात खबर की अपील
जीवन अनमोल है इसे बरबाद ना करें बोकारो : परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है. परीक्षा देने वाले बहुत बच्चे ऐसे हैं, जो हतोत्साहित हैं. परीक्षा के बाद अब रिजल्ट का दौर आने वाला है. कुछ बच्चों का रिजल्ट अच्छा आयेगा, तो कुछ का रिजल्ट खराब भी होगा. परीक्षा का रिजल्ट अच्छा होता है, […]
बोकारो : परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है. परीक्षा देने वाले बहुत बच्चे ऐसे हैं, जो हतोत्साहित हैं. परीक्षा के बाद अब रिजल्ट का दौर आने वाला है. कुछ बच्चों का रिजल्ट अच्छा आयेगा, तो कुछ का रिजल्ट खराब भी होगा. परीक्षा का रिजल्ट अच्छा होता है, तो अच्छी बात है, लेकिन अगर किसी बच्चे का रिजल्ट खराब होता है तो उन्हें हतोत्साहित होने की जरूरत नहीं है. बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्होंने जीवन के कई मोड़ पर असफलता हासिल की लेकिन वह निराश नहीं हुए. असफलता से सिख लेकर कई लोगों ने जीवन में काफी अच्छा मुकाम हासिल किया है. सफलता से खुशी जरूर आती है, लेकिन असफलता से घबरा कर किसी भी तरह का आत्मघाती कदम उठाना अपने परिवार व देश के साथ धोखा है.
कोई भी परीक्षा जीवन की अंतिम परीक्षा नहीं होती है. असफलता के बाद ही सफलता मिलती है. देश में इसके दर्जनों उदाहरण भरे पड़ हैं. रिजल्ट का दौर शुरू हो चुका है. ऐसे में अभिभावक को चाहिए कि वह अधिक से अधिक से समय अपने बच्चों के साथ बितायें. उनका विश्वास बढ़ाये. उन्हें बताये की असफलता का मतलब यह नहीं है कि वह मेधावी नहीं हैं.
डाॅ हेमलता एस मोहन, प्राचार्य सह निदेशक, दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो
आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम जीवन का मोल नहीं समझने वाले लोग उठाते हैं. मानव जीवन अनमोल है. बोर्ड व प्रवेश परीक्षा में सफल होना ही सफलता का पैमाना नहीं है. जीवन में कई मौके ऐसे आते हैं जब सफलता आपके कदम चूमती है. यही जीवन का मूल स्तंभ है. किसी भी स्थिति में आत्महत्या न करें. असफलता से सीख लेकर और ऊर्जा के साथ प्रयास जारी रखे सफलता जरूर मिलेगी.
डाॅ अशोक सिंह, प्राचार्य चिन्मय विद्यालय बोकारो
इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में असफल छात्र ने की आत्महत्या
अमलाबाद ओपी क्षेत्र के ग्राम महाल पश्चिमी पंचायत के दलिभडा गांव निवासी एक युवक ने असफलता से सीख लेेने के बजाय बुधवार को आत्महत्या कर अपने परिवार को सदमे में डाल दिया. दलिभडा गांव निवासी धर्मदास रविदास के 19 वर्षीय पुत्र राहुल दास ने बुधवार को गले में फंदा डाल कर आत्महत्या कर ली. राहुल के आत्महत्या करने से उसके परिवार के सभी सदस्यों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची. मृतक छात्र के पिता के बयान पर यूडी केस दर्ज कर लिया. पुलिस को मृतक के पिता ने लिखित बयान में बताया कि उनका पुत्र झारखंड कंबाइंड प्रतियोगिता परीक्षा में असफल हो गया था. इस कारण वह सदमे में था. घटना के दौरान पिता घर पर नहीं थे. माता नहाने गयी थी. राहुल घर में अकेला था. राहुल का शव सबसे पहले उसके बड़े भाई ने फंदा से लटका हुआ देखा. बड़े भाई ने घर में घुसते ही राहुल को फंदा से झूलता देखकर हल्ला मचाया. हल्ला सुन कर गांव के लोग इकट्ठा हो गये. राहुल के जिंदा होने की आशंका के कारण उसे आनन-फानन मेंं बीजीएच अस्पताल लाया गया. यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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