बोकारो: 2004 में अंडमान निकोबार की यात्र सबसे रोमांटिक, सबसे रोमांचक और कभी न भूलने वाला लमहा बनी. हेवलॉक में बिताया रात का नशा हो या फिर मेरयन बीच पर पति की जोरदार डांट. यह मौका मेरे जीवन का सबसे यादगार पल था. मेरे पति एके सिंह, जब भी मुझसे दूर होते हैं, यह पल मेरी आंखों के सामने अक्सर छा जाता है. ट्रिप के दूसरे दिन हम हेवलॉक घूमने गये. वह रात मेरे लिए पूरी तरह से फिल्मी थी.
बच्चों के सामने पति ने मेरे साथ डांस किया. उन्होंने डांस के वक्त खूब शरारत की. उस शरारत में नजाकत थी. उनकी यह नादानी, बचपना व रोमांटिक रूप किसी आश्चर्य से कम न था.
कोरल की तलाश में डूबती चली गयी : ट्रिप के तीसरे दिन हम सभी समुद्र में नहाने के लिये मेरियन बीच पहुंचे. नहाने से पहले बच्चों की जिद पर कोरल देखने का फैसला लिया. वाटर प्रूफ जैकेट डाल कर कोरल देखने समुद्र के अंदर गये. कोरल दिखाने वाला एक-एक सदस्य हम सभी के साथ था. पानी के अंदर कुछ दूरी तय करते ही उस सदस्य से मैं जुदा हो गयी थी. रंग-बिरंगे कोरल देखने की लालसा से मैं समुद्र के अंदर जाती चली गयी. कोरल देख कर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था. वहीं दूसरी ओर श्री सिंह व बच्चे कोरल को देखकर कर बाहर आ चुके थे.
पति की घबराहट और डांट का प्यार अनोखा था : मेरे बाहर न आने पर पति चिंतित थे. साथ का सदस्य बाहर आ चुका था. उसकी लापरवाही पर उन्होंने उसकी अच्छी खबर ली. उस पर अपना गुस्सा उतार कर मुङो ढूंढ़ने निकल पड़े. करीब एक घंटे बाद मैं उनको मिली. समुद्र के बाहर जैसे ही उनके साथ निकली, उन्होंने मुङो बच्चों व पर्यटकों के सामने जमकर डांटा. उनकी डांट पर मैं सकपका गयी. मेरे प्रति उनकी यह घबराहट व ऐसी डांट मुङो अच्छी लगी. डांट में निहित उनके अनकहे प्यार पर मैं मन ही मन मुग्ध थी. तब मुङो एहसास हुआ कि वो मुङो बहुत प्यार करते हैं, मगर इजहार नहीं करते.