‘लगान’ और ‘गंगाजल’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय के जौहर दिखाने के बाद यशपाल शर्मा फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में अपना कौशल दिखाने की तैयारी में हैं, जो बिहार के भ्रष्टाचार पर आधारित एक ‘ब्लैक कॉमेडी’ फिल्म है.
यशपाल ने बताया, ‘‘इस फिल्म के लेखक शैवाल हैं, जिन्होंने अपनी पहली फिल्म ‘दामुल’ लिखी थी जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. उसके बाद उनकी दो अन्य फिल्मों, ‘मृत्यूदंड’ और ‘दास कैपिटल’ को भी दर्शकों की भरपूर सराहना मिली थी. मैं जो फिल्म करने जा रहा हूं वह उनकी चौथी कहानी है, जिसका नाम अभी बताना संभव नहीं है क्योंकि नाम को अभी पंजीकृत नहीं कराया जा सका है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस फिल्म को मैं पूरी तैयारी करने के बाद साल के अंत तक शुरु कर पाउंगा.
लेकिन यह बिहार के भ्रष्टाचार पर आधारित फिल्म है, जो ‘ब्लैक कॉमेडी’ है.’’ गुजरात के सूरत में निर्देशक सतीश कौशिक की फिल्म ‘गैंग आफ घोस्ट्स’ की शूटिंग में व्यस्त यशपाल ने कहा, ‘‘संभवत: सतीश कौशिक अपनी पहली शुद्ध कामेडी फिल्म बना रहे हैं, जो भूतों की कहानी पर आधारित कॉमेडी फिल्म है. यह बांग्ला फिल्म ‘भूतेर भोविष्यत’ का रीमेक है और इसमें चार पांच मुख्य चरित्र हैं, जिनमें मेरे अतिरिक्त परमव्रत चटर्जी, सरमन जोशी, अनुपम खेर, सौरभ शुक्ला, राजपाल यादव, असरानी, माही गिल और मीरा चोपड़ा शामिल हैं.’’ यशपाल की फिल्म ‘दिल पतंग’ पूरी हो चुकी है और अब सिर्फ एक हफ्ते का काम बाकी रह गया है. इस फिल्म को विवेक राय चौधरी ने निर्देशित किया है.
यशपाल की जल संकट विषय पर बन रही फिल्म ‘जल’ जुलाई में रिलीज होगी. इसके अलावा उनकी एक और फिल्म ‘एक बुरा आदमी’ जून में रिलीज होगी, जिसे गुलजार के सहायक रह चुके इशाक शाह निर्देशित कर रहे हैं. इसमें मुख्य अभिनेता अरुणोदय सिंह हैं और यशपाल की भूमिका खलनायक की है. यह उत्तर प्रदेश के एक माफिया के जीवन पर आधारित कहानी है. उनकी एक और कॉमेडी फिल्म ‘सुपर से उपर’ अगस्त में रिलीज होने की संभावना है.
इसके अलावा 11 अक्तूबर को उनकी फिल्म ‘सिंह साब दी ग्रेट’ रिलीज होगी, जिसके निर्देशक अनिल शर्मा और मुख्य अभिनेता सनी देओल हैं. अनिल शर्मा ने ही फिल्म ‘गदर’ बनाई थी. ‘सिंह साब दी ग्रेट’ में उनके सह कलाकारों में सनी देओल के अलावा गुलशन ग्रोवर, दक्षिण के चर्चित अभिनेता प्रकाश राज, मनोज पाहवा, संजय मिश्रा, जानी लीवर, अमृता राव, टीनू आनंद, दीपक डोबरियाल इत्यादि हैं.
हरियाणा के हिसार में पैदा हुए यशपाल शर्मा के पिता नहर विभाग में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे, लेकिन पूरे परिवार को चलाने की जिम्मेदारी उनके बड़े भाई घनश्याम शर्मा ने संभाली हुई थी. स्थानीय स्तर पर रामलीला इत्यादि में काम करने के बाद 1990.91 में उन्होंने चंडीगढ़ से ड्रामा विषय में एमए किया.
वर्ष 1991 से 1994 के बीच उन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में रहकर पढाई की और बाद में वहीं दो साल एनएसडी रंगमंडल में काम किया और वर्ष 1996 में मुंबई आ गये. अपने फिल्मी यात्रा की सफलता की शुरुआत का श्रेय वह आमिर खान की फिल्म ‘लगान’ को देते हैं, जहां से दर्शकों में उनकी पहचान स्थापित हुई.